अजमेर में विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स का झंडा दरगाह के बुलंद दरवाजे पर 20 फरवरी को चढ़ गया है। चांद दिखने पर 6 दिवसीय उर्स की शुरुआत 26 जनवरी से होगी। ऐसी स्थिति में इन दिनों अजमेर देश का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। अजमेर के ऐसे ही माहौल में राष्ट्रीय स्वयं सेेवक संघ से जुड़े राष्ट्रीय मुस्लिम मंच की ओर से 23 फरवरी को यहां जवाहर रंगमंच पर देश में साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए एक सूफी कॉन्फ्रेंस रखी गई है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक और राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अबू बकर नकवी ने बताया कि कान्फ्रेंस में संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य और मंच के प्रमुख इन्द्रेश कुमार खासतौर से भाग लेंगे। देश के आम के माहौल में ख्वाजा साहब जैसे सूफी संतों की शिक्षाएं ही महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि देशभर के सूफियों की कॉन्फ्रेंस अजमेर में करवाई जा रही है। देश की प्रमुख दरगाहों के गद्दीनशीन कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान जैनुल आबेदन और दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान को भी कॉन्फ्रेंस में आने का न्यौता दिया गया है। नकवी ने स्पष्ट किया कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन करने का मुद्दा कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में शामिल नहीं है। कॉन्फ्रेंस का मकसद देश में साम्प्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देना है। मंच के प्रमुख इन्द्रेश कुमार पिछले कई वर्षों से साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के माध्यम से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी जुड़े हुए हैं। इन्द्रेश कुमार की ख्वाजा साहब की दरगाह में भी अकीदत है, इसलिए सालाना उर्स में उनकी ओर से मजार शरीफ पर चादर पेश की जाती है।
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Friday, February 21, 2020
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देश में साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए 23 फरवरी को अजमेर में सूफियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस।
देश में साम्प्रदायिक सद्भावना के लिए 23 फरवरी को अजमेर में सूफियों की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस।
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