भ्रष्टाचार के कारण आज निगम का कर्मचारी व उसका परिवार भुखमरी की कगार पर है- दीपक सिंह। - मानवी मीडिया

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Wednesday, February 26, 2020

भ्रष्टाचार के कारण आज निगम का कर्मचारी व उसका परिवार भुखमरी की कगार पर है- दीपक सिंह।

लखनऊ बुधवार26 फरवरी, 2020।             * प्रदेश की जनता को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल साबित हुई है -दीपक सिंह।उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान परिषद्  दल के नेता दीपक सिंह जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग के अंतर्गत उ0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण निगम में भ्रष्टाचार के चलते निगम के मूल व्यवसाय को लगभग चौपट कर दिया है और अपने भ्रष्टाचार के चलते उन्होंने निगम को बंदी की कगार पर पहुंचा दिया है उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार जो लगभग 500 करोड़ से भी अधिक के घोटाले जैसे डबल फोर्टिफाइड नमक, आयोडीन नमक, सफेद मिट्टी का तेल जिसमें उक्त अधिकारियों द्वारा 3 फर्जी टेंडर डाल कर एक ही व्यक्ति के एक ही पते पर जारी किए गए हैं। इसके अतिरिक्त इनके द्वारा बगेर टेंडर के माध्यम से धान गेहूं खरीद में लैपटॉप और टैबलेट की खरीद एमआरपी से दोगुने दामों पर की गई। दीपक ने कहा इनके भ्रष्टाचारो के संबंध में 4 अप्रैल 2018 एवं मुख्य सचिव द्वारा 30 मई 2018 को इसकी जांच 10 दिनों के अंदर करने के निर्देश दिए गए थे। इसके अतिरिक्त माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दिनांक 10 जून 2018 को भी जांच के आदेश दिए गए थे। जिसको प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद द्वारा एक समिति विशेष सचिव खाद रसद की अध्यक्षता में गठित की गई थी जिसकी आज पिछले 22 महीनों से केवल जांच ही चल रही है। भ्रष्टाचार के कारण आज निगम के लगभग 700 कर्मचारियों को 30 से 50 माह का वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण लगभग 15 से अधिक कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है एवं 50 से अधिक बेटियों की शादी छूट चुकी है और लगभग 300 से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए हैं आज निगम का कर्मचारी व उसका परिवार भुखमरी की कगार पर है । वही दूसरी ओर निगम के ही एक अंग उत्तर प्रदेश सचिवालय सत्कार सेवा संघ संस्थान के लगभग 300 कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारी बनाकर उनको राज्य कर्मचारियों की भांति सातवें वेतन के साथ सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है इसके चलते माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारियों को वेतन ना देने एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भुगतान ना करने के रूप में कई बार अवमानना की नोटिस जारी हुई है एवं स्कोर और प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को दंड भी माननीय उच्च न्यायालय को भरना पड़ा है।


दीपक सिंह ने कहा कि आज प्रदेश की जनता को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल साबित हुई है । राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आँकड़ों के अनुसार बिहार के बाद सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे उत्तर प्रदेश में ही हैं। कम उम्र के कुपोषित बच्चों की मौत के मामले में उत्तर प्रदेश पूरे देश में शीर्ष पर है। जिनकी प्रतिशतता जनपद- आजमगढ़, शाहजहाँपुर, बदायूँ, कौशाम्बी, चित्रकूट, बहराइच  एवं राजधानी लखनऊ के बच्चे भी कुपोषण के शिकार हैैं। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश बीमारू राज्यों में अग्रणी राज्य है।    डब्ल्यू.एच.ओ. के मानदण्डों के अनुरूप वर्तमान समय में प्रति हज़ार लोगों पर एक भी डाॅक्टर नहीं हैं जिससे समय पर बीमारियों का इलाज न होने पर कुपोषित बच्चों/युवाओं/महिलाओं की मौते हो रही है। 



दीी


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