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- राष्ट्रीय11:51 am सोमवार 13 जनवरी, 2020 लखनऊ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक में आज उत्तर प्रदेश के नोएडा और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। राजधानी लखनऊ और नोएडा में क्राइम कंट्रोल के लिए योगी सरकार ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया है। इस मामले में पुलिस को बहुत से अधिकार मिल गए हैं। कमिश्नर सिस्टम लागू होने के साथ ही अब इन जिलों में एसपी रैंक का अफसर सबसे बड़ा अफसर नहीं होगा।सूत्रों के अनुसार देश के दूसरे राज्यों में लागू पुलिस कमिश्नर प्रणाली के बारे में अध्ययन करने के बाद इसका प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में रखने का फैसला किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह और पुलिस विभाग के अफसरों ने डीजीपी मुख्यालय से भेजे गए प्रस्ताव पर काफी मंथन करने के बाद उसे अंतिम रूप दिया। प्रयोग के तौर पर अभी केवल दो जिलों में यह प्रणाली सीमित रखने के कारण पुलिस कमिश्नर को दिए जाने वाले अधिकारों पर काफी विचार-विमर्श किया गया। यह प्रयोग सफल होने पर इसे 10 लाख से अधिक आबादी वाले अन्य बड़े शहरों में भी लागू करने पर विचार किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट की पॉवर- सबसे बड़ी समस्या यही है कि इससे IAS और IPS के बीच तकरार बढ़ेगी।
- भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के पास पुलिस पर नियत्रंण के अधिकार भी होते हैं।
- लेकिन पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद ये अधिकार पुलिस अफसर को मिल जाते हैं, जो एक IPS होता है।
- इस पद पर आसीन अधिकारी IAS होता है।- यानी जिले की बागडोर संभालने वाले डीएम के बहुत से अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास चले जाते हैं।
देश में पुलिस कमिश्नर
- देश के 15 राज्यों में पुलिस कमिश्नर हैं।
- इन 15 राज्यों के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर की तैनाती है।
- इनमें यूपी और बिहार जैसे राज्य शामिल नहीं हैं।
- यूपी जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है।
यहां से आया आइडिया
- वैसे तो देश के कई शहरों में पुलिस कमिश्नर हैं।
- दिसंबर 2018 में यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने ये आइडिया योगी सरकार को दिया था।
- राम नाईक ने सुझाव दिया कि 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्नर तैनात किए।
- नाईक ने कानपुर, गाजियाबाद और लखनऊ में ट्रायल बेसिस पर कमिश्नर सिस्टम लाने का सुझाव दिया।