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Tuesday, January 7, 2020

उत्तर प्रदेश एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता

*लखनऊ (उ0 प्र0) -मंगलवार 07जनवरी/2020*
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब अस्पताल कर्मियों व बीमा कम्पनियों कर्मियों की मदद से कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से फर्जी नाम पते पर खोले गए खातों से लगभग 500 फर्जी बीमा पॉलिसियों में लगभग दो करोड़ का फर्जी बिल बनाकर क्लेम लेने वाले गैंग का पर्दाफाश कर नोएडा सेक्टर 21 से गैंग के मास्टरमाइंड सहित चार लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई । इन लोगो के खिलाफ नोएडा सेक्टर 58 थाने में दिनांक 17 दिसम्बर 2019 को HDFC ERGO कम्पनी ने मु0अ0सं0 682/2019 धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी IPC दर्ज कराया था ।गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण:-


1  अमित त्यागी पुत्र श्री यशवीर सिंह मकान नंबर 214 ब्लॉक 2 हस्तिनापुर मेरठ हाल पता आर 186 जलवायु विहार सेक्टर 21 नोएडा
2  अंकुर शर्मा और अंकुर त्यागी पुत्र श्री स्वर्गीय विनोद त्यागी निवासी ग्राम हरिपुर मंडोला थाना भोजपुर मोदीनगर गाजियाबाद हाल बताओ फ्लैट नंबर 234 आशीर्वाद अपार्टमेंट मयूर विहार फेस 3 दिल्ली
3  हर्ष मिश्रा पुत्र श्री सुशील मिश्रा निवासी ई 270 बी सेक्टर 22 नोएडा
4  सौरभ भंडारी पुत्र से जसवंत सिंह निवासी जी 64 सेक्टर 22 नोएडा


 बरामदगी का विवरण:- 
1   18 अदद डेबिट क्रेडिट कार्ड 
2     2 अदद निर्वाचन कार्ड 
3     3 अदद पैन कार्ड 
4     4 अदद आधार कार्ड
5    11 अदद मोबाइल फोन 
6     6 अदद सीम कार्ड 
7     1  अदद ड्राइविंग लाइसेंस 
8     1 अदद पुलिस वेरिफिकेशन कार्ड 
9     2 अदद लैपटॉप 
10   2अदद  प्रिंटर 
11   96 अदद मुहर 
12   4 अदद चेक बुक
13   9 अदद कैंसिल चेक 
14   10 अदद सादे चेक 
15    2 अदद चार पहिया वाहन 
16    7 अदद हॉस्पिटल के भरे हुए बिल 
17   4500 लगभग विभिन्न हॉस्पिटल के लेटर हेड 18   50 अदद बुकलेट/रिसिप्ट/एडमिशन सेट 
19   21 अदद क्लेम फार्म/दस्तावेज विभिन्न बीमा        कंपनियों के
 20   1 अदद  डोंगल
21    1 अदद डायरी 
22   35 अदद हॉस्पिटल पंजीकरण दस्तावेज की छाया प्रति ।
 
 गिरफ्तार किया गया गैंग दिल्ली एनसीआर में स्थित कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी में फर्जी दावे दर्ज करने में शामिल है । यह बीमा पॉलिसी कंपनियों को उनके कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए जारी की जाती है । गिरोह का मास्टरमाइंड अमित त्यागी, अंकुर त्यागी, सौरभ भंडारी के साथ ऐसे लोगो की पहचान करता था और उन्हें दावा राशि मे हिस्सा देने का लालच देता था और उनके हेल्थ कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड सहित उनका विवरण लेता था और फिर फर्जी अस्पताल के कागजात तैयार कर इसुरेन्स कम्पनियों में क्लेम का दावा करता था । दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी व पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ अस्पतालों और डॉक्टरों की पहचान की गई है जो इन कागजों को तैयार करने में गैंग की मदद करते थे । गिरोह चेक में खाता धारक का नाम बदलकर बीमा कंपनियों के सामने पेश करता था ताकि सभी दावे की राशि उसी बैंक खातों में जमा हो जाए जो इन गिरोह के सदस्यों द्वारा संचालित किया जाता था । बैंक खाते मूल रूप से सौरभ भंडारी, हर्ष मिश्रा और अंकुर शर्मा के नाम है जो इस मामले में मुख्य आरोपी है ।


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