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Thursday, January 16, 2020

पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में हंगामा, शिअद और आप विधायकों ने किया वाकआउट




  • पंजाब05:21 pm बृहस्पतिवार 16 जनवरी, 2020 चंडीगढ़ - आम आदमी पार्टी (आप)तथा शिरोमणि अकाली दल (शिअद )ने आज पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन राज्यपाल अभिभाषण का विरोध करते हुए नारेबाजी की और वाकआउट किया। आप पार्टी तथा शिअद के सदस्यों ने अभिभाषण पढ़े जाने के बीच -बीच में नारेबाजी की और राज्यपाल अभिभाषण का विरोध किया। उनका कहना था कि ऐसे अभिभाषण तीन बार पढ़े जा चुके हैं तथा इसमें अब नया क्या है जिसे पढ़े जाने की जरूरत आन  पड़ी। अभिभाषण के दाैरान आप पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप नारेबाजी की और इसका विरोध करते हुये वाकआउट कर गए। अकाली सदस्य भी अभिभाषण के दौरान बीच बीच में टोकाटाकी और नारेबाजी करते रहे। थोड़ी देर बाद वे भी नारेबाजी करते आसन के समीप आ गये और विरोध जताते हुये वाकआउट कर गए। बाद में शिअद विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि जो हम तीन साल से देख रहे थे वही चौथी साल देखने को मिला है । कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले घोषणापत्र में बड़े बड़े वादे तो किये लेकिन सरकार बनाने के बाद से तीन साल में कुछ करके नहीं दिखाया । घर घर नौकरी , किसानों की कर्ज माफी समेत न जाने कितने वादे किये लेकिन कोई पूरा नहीं किया । सरकार ने कर्ज माफी की सूची में अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग का कहीं नाम तक नहीं लिया। हमेशा ही झूठ बोला। उन्होंने कहा कि बिजली के रेट अकाली राज में साढ़े पांच रूपये प्रति यूनिट थे जाे कांग्रेस सरकार ने बढ़ाकर नौ रूपये कर दिये और बढ़ाये ही जा रही है । राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है तथा सरकार नाम की कोई चीज नहीं ,माफिया राज है । गैगस्टर सरेआम घूूम रहे हैं । कांग्रेसी कार्यकर्ता डूप्लीकेट शराब बनाकर बेच रहे हैं । पंजाब को लूटा जा रहा है।आप विधायक दल के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि पार्टी ने विधानसभा अध्सक्ष से प्राइवेट मैंबर बिल ‘द पंजाब टर्मिनेशन आफ पावर पर्चेज एग्रीमेंट विद थ्री आईपीपीज बिल 2020’ को सदन में पेश करने की इजाजत मांगी है। बिजली की खरीद फरोख्त और घातक समझौतों के बारीकी के साथ अध्ययन के बाद बिजली समझौते रद्द करने के लिए प्राईवेट मैंबर बिल तैयार किया है जिसे कल पेश करने की मंजूरी मांगी गई है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2017 के चुनाव घोषणापत्र में इन घातक बिजली खरीद समझौतों को सरकार बनने पर रद्द करने का वायदा किया था लेकिन कांग्रेस सरकार तीन साल में समझौते रद्द नहीं कर सकी और न ही आडिट करवा कर सकी। उन्होंने कहा कि बादलों की तरह कैप्टन सरकार ने भी निजी थर्मल प्लांटों की लूट के समक्ष घुटने टेक दिए हैं। यदि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपनी पिछली सरकार के समय पानियों के समझौते और इस बार सेवा केंद्र चलाती बीएसएल कंपनी के समझौते रद्द कर सकती है तो बिजली समझौते क्यों नहीं रद्द कर सकती । जब तक सरकार बिजली समझौते रद्द नहीं करती, उतनी देर लोगों का महंगी बिजली से छुटकारा संभव नहीं। बादल सरकार के समय पर किए इन एकतरफा और विरोधी समझौतों के कारण पहले ही आर्थिक कंगाली में गुजर रहे पंजाब सिर 25 सालों में 70 हजार करोड़ से अधिक का भुगतान उस बिजली के बदले किया जायेगा । चीमा ने कहा कि इसी लिये हमें अभिभाषण के बीच वाकआउट को मजबूर होना पड़ा । अभिभाषण पूरा होते ही विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिये स्थगित कर दी गई ।






 




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