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- राष्ट्रीय 11:53 am बुधवार 29 जनवरी, 2020 नई दिल्ली निर्भया के हत्यारे मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी कोशिश बुधवार को उस वक्त नाकाम हो गई, जब उच्चतम न्यायालय ने दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ उसकी अपील निरस्त कर दी। न्यायमूर्ति आर. भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की विशेष खंडपीठ ने मुकेश की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसमें कोई आधार नहीं दिखता।्याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने सरकार की तरफ से दी गई दो फाइल देखी। सभी कोर्ट के जजमेंट और रिकॉर्ड राष्ट्रपति को सौंपे गए थे। राष्ट्रपति ने सभी जरूरी दस्तावेज देखकर फैसला लिया है, इसलिए कोर्ट की दखल की जरूरत नहीं है।’ बेंच ने कहा, ‘राष्ट्रपति का पद बहुत बड़ा और जिम्मेदारी का है। हम मानते हैं कि उन्होंने सोच विचार कर फैसला लिया है।’ वहीं, जेल में मुकेश के शोषण की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘शोषण की शिकायत पर फांसी की सजा माफ नहीं की जा सकती।’फैसला आने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि अब मुझे उम्मीद है कि पूरा इंसाफ मिलेगा। मुजरिम कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। मुकेश की याचिका खारिज होने से अब मुझे एक फरवरी को दोषियों की फांसी की उम्मीद है। न्यायालय ने निर्भया कांड के गुनहगार मुकेश की दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली अपील पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने मुकेश की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायालय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दया याचिका के साथ राष्ट्रपति को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले में सभी दोषियों को फांसी की सजा सुना दी है। दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जानी है।
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Wednesday, January 29, 2020
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निर्भया के हत्यारे मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी कोशिश नाकाम, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
निर्भया के हत्यारे मुकेश की फांसी से बचने की आखिरी कोशिश नाकाम, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
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