लखनऊ रेशम व्यवसाय को लाभकारी बनाकर अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ा जाय-चै0 उदयभान सिंह - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Friday, January 10, 2020

लखनऊ रेशम व्यवसाय को लाभकारी बनाकर अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ा जाय-चै0 उदयभान सिंह

चै0 उदयभान सिंह द्वारा रेशम विकास कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा

आगरा, मथुरा एवं फिरोजाबाद मे आयोजित तहसील दिवसों मे रेशम के 

क्रिया-कलापों से सम्बन्धित गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाये

रेशम व्यवसाय को लाभकारी बनाकर अधिक से अधिक

किसानों को इससे जोड़ा जाय-चै0 उदयभान सिंह

लखनऊः 10 जनवरी, 2020

 

उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा निर्यात प्रोत्साहन राज्य मंत्री चै0 उदयभान सिंह द्वारा आज बापू भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में रेशम विकास कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गयी।

राज्यमंत्री द्वारा रेशम विकास कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुये यह निर्देश दिये गये कि प्रदेश मे जनपदों को उत्पादन के दृष्टिगत ए, बी, सी श्रेणी मे विभाजित किया गया है। ए श्रेणी को ए$श्रेणी, बी श्रेणी को ए श्रेणी मे लाने तथा सी श्रेणी को बी श्रेणी मे लाने के लिये ठोस कदम उठाये जायें। जनपद आगरा, मथुरा एवं फिरोजाबाद मे आयोजित तहसील दिवसों मे विभागीय प्रतिनिधित्व के साथ रेशम के क्रिया-कलापों से सम्बन्धित गतिविधियों का प्रदर्शन भी किया जाये।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश मे स्थापित धागाकरण इकाईयों तथा ए श्रेणी के सर्वाधिक उत्पादन देने वाले जनपदों के फार्मों का निरीक्षण कराया जाये। ब्रज क्षेत्र मे रेशम उत्पादन को बढ़ाने हेतु ठोस रणनीति एवं परियोजनायें सृजित कर धनराशि प्राप्त किया जाये। जनपद आगरा, मथुरा एवं फिरोजाबाद मे स्थापित रेशम फार्मों पर रेशम कीटपालन के समय मेरे द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। विभाग मे संचालित योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार एवं तकनीकी जानकारी जनसामान्य को उपलब्ध करायी जाये।

राज्य मंत्री ने रेशम निदेशक को यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश मे रेशम उत्पादन को बढ़ाने हेतु परियोजनायें बनाकर भारत सरकार मे प्रस्तुत किया जाये एवं परियोजनाओं के साथ मेरे द्वारा वस्त्र मंत्री, भारत सरकार से भी धनराशि प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां-जहां कच्चे माल का उत्पादन होता है वहां धागाकरण की इकाई स्थापित कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष तीन हजार मीट्रिक टन रेशम की खपत होती है, जबकि उत्पादन केवल 300 मीट्रिक टन है। इसको बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है।

     श्री सिंह ने कहा कि रेशम व्यवसाय को लाभकारी बनाकर अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि मिर्जापुर में निर्मित ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को जल्द से जल्द शुरू कराने की कार्यवाही की जाये और सरदार बल्लभ भाई पटेल के जयंती के अवसर पर किसानों का प्रशिक्षण शुरू कराया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रशिक्षण के दौरान किसानों को कीट पालन से संबंधित व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई जायंे। उन्होंने रेशम विभाग के सभी फार्महाउस की बाउंड्री वाॅल तथा सिंचाई के बेहतर साधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश से अच्छे लाभार्थी चयनित कर रेशम व्यवसाय को आगे बढ़ाया जाये। गांवों में गोष्ठी करके इसके बारे मंे किसानों को अवगत कराया जाये। रेशम आगे बढ़े और किसान की आर्थिक स्थिति का श्रोत बने इसके लिए सार्थक प्रयास किये जायें। उन्होंने बैठक के उपरान्त हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए हिन्दी को सशक्त बनाने के लिए सभी लोगों को योगदान देने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि मातृभाषा का आदर करना सभी का कर्तव्य है।

बैठक में विशेष सचिव एवं निदेशक (रेशम), श्री नरेन्द्र सिंह पटेल, उप निदेशक (रेशम), श्री अरविन्द कुमार एवं श्री एस0पी0 सिंह, रेशम निदेशालय, उ0प्र0, मुख्यालय-लखनऊ उपस्थित रहे।

Post Top Ad