2:20 pm बृहस्पतिवार 02जनवरी, 2020 लखनऊ | बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा ज़िले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व अति-दर्दनाक है फिर भी वहाँ के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसकी घटनाओं के प्रति अभी भी काफी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार ही बने हुये हैं, जो अति-निन्दनीय है | किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर इनकी महिला राष्ट्रीय महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। कितना अच्छा होता कि वे यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं तथा अपनी सरकार के मुख्यिा को इन जानलेवा कमियों आदि के लिए उचित फटकार भी लगाती।अगर कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ''माओं'' से नहीं मिलती हैं, तो फिर उत्तर प्रदेश में किसी भी मामले में यहाँ पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ तथा कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है।जबकि कोटा में अभी तक बड़ी संख्या में खासकर दलितों, आदिवासियों व अन्य कमजोर वर्गों के 100 से अधिक मासूम बच्चों की केवल एक माह में सरकारी अस्पताल में मौत होना यह कांग्रेसी सरकार की विफलता को काफी बेनकाब करता है। हालांकि बी.एस.पी. राजस्थान प्रदेश यूनिट के लोग बराबर मृतक परिवार के लोगों से मिलकर उनकी मदद के लिए साथ खड़े हैं।विभाजनकारी सीएए तथा एनआरसी, जिसके बहुजन समाज पार्टी सख्त खिलाफ है तथा इसका संसद के भीतर व संसद के बाहर भी काफी डटकर विरोध किया है, के मामले में भी कांग्रेस पार्टी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए किस्म-किस्म की नाटकबाजी कर रही है जबकि इनकी केन्द्र व राज्य सरकारों ने अगर जस्टिस राजिन्दर सच्चर कमेटी को सही नीयत के साथ लागू किया होता तो आज मुस्लिम समाज के लोगों की हालत जरूर थोड़ी बेहतर हो गई होती।
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Thursday, January 2, 2020
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कांग्रेस सरकार की विफलताओं को बेनकाब करता राजस्थान का सरकारी अस्पताल
कांग्रेस सरकार की विफलताओं को बेनकाब करता राजस्थान का सरकारी अस्पताल
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