इंटरनेट मूलभूत अधिकार, जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों की एक हफ्ते के अंदर हो समीक्षा: सुप्रीम कोर्ट - मानवी मीडिया

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Friday, January 10, 2020

इंटरनेट मूलभूत अधिकार, जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों की एक हफ्ते के अंदर हो समीक्षा: सुप्रीम कोर्ट




  • मुख्य समाचार12:00 pm शुक्रवार 10 जनवरी, 2020 नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू -कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों एवं अनुच्छेद 35 ए को निरस्त किए जाने के बाद राज्य में इंटरनेट पर लगायी गयी पाबंदी की तत्काल समीक्षा का शुक्रवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने ‘कश्मीर टाइम्स’ की सम्पादक अनुराधा भसीन और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की याचिकाआों पर फैसला सुनाते हुए जम्मू-कश्मीर में लगायी गई अन्य सभी पाबंदियों की समीक्षा एक सप्ताह के भीतर करने का भी आदेश दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कश्मीर में हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। हमें स्वतंत्रता और सुरक्षा में संतुलन बनाए रखना होगा। नागरिकों के अधिकारों की रक्षा भी आवश्यक है। इंटरनेट को आवश्यकता पड़ने पर ही बंद किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का अंग है। इंटरनेट इस्तेमाल की स्वतंत्रता भी अनुच्छेद 19 (1) का हिस्सा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि धारा 144 का इस्तेमाल किसी के विचारों को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश पारित करते समय मजिस्ट्रेटों को दिमाग लगाना चाहिए और आनुपातिकता के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।क्या है मामला?अगस्त में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद याचिका दायर की गई थी। इस दौरान फोन लाइनें और इंटरनेट इस क्षेत्र में अवरुद्ध हो गए। हालांकि सरकार ने कहा है कि उसने उत्तरोत्तर प्रतिबंधों में ढील दी है। 






 




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