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Tuesday, January 21, 2020

इंटरनेशनल ई-टिकटिंग रैकेट का पर्दाफाश, टेरर फंडिंग का शक




  • मुख्य समाचार

  • राष्ट्रीय05:05 pm मंगलवार 1 जनवरी, 2020 नई दिल्ली अवैध साॅफ्टवेयर के माध्यम से तत्काल श्रेणी के रेलटिकटों की कालाबाज़ारी करने के वालों के खिलाफ अभियान में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) के हाथ अंतरराष्ट्रीय अपराधियों का एक ऐसा गिरोह लगा है जो क्रिप्टो करंसी एवं हवाला के माध्यम से पैसा विदेश भेज कर उसका इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए करता है।आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने यहां रेल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस गिरोह का खुलासा किया। इस गिरोह में 20 हजार से अधिक एजेंटों वाले 200 से 300 पैनल देशभर में सक्रिय हैं और उसका सरगना हामिद अशरफ दुबई में बैठा है।यह गिरोह पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तब्लीगी जमात से जुड़ा है। इसमें बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर कंपनी भी साझीदार है और उच्च तकनीकविद् इस गिरोह को सक्रिय मदद देता है। कुमार ने बताया कि टिकटों की कालाबाज़ारी करने वाले एक गिरोह के एक प्रमुख सदस्य गुलाम मुस्तफा को इसी माह भुवनेश्वर से पकड़ा गया और उससे पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि इस गिरोह के पास फर्जी आधार कार्ड एवं फर्जी पैन कार्ड बनाने की तकनीक है और बंगलादेश से लोगों को अवैध रूप से लाने एवं यहां बसाने का काम भी कर रहा था। इस प्रकार से इस मामले की संवेदनशीलता बढ़ गई है और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे वाली बात है। इसलिए इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), गुप्तचर ब्यूरो (आईबी), प्रवर्तन निदेशालय, कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच इकाई आदि एजेंसियां भी जुड़ गईं हैं।




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