- 03:14 pm मंगलवार 28 जनवरी, 2020 नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगे के दौरान सरदारपुरा हिंसा के 17 दोषियों को कुछ अलग तरह की शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दोषियों को धार्मिक और सामाजिक कार्य करने का निर्देश दिया। खंडपीठ की जमानत की शर्तों के मुताबिक कुछ दोषी इंदौर और कुछ जबलपुर में रहकर धार्मिक और सामाजिक कार्य करेंगे। न्यायालय ने इन दोषियों को दो समूह में बांट दिया है और इंदौर और जबलपुर के जिला विधि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ये दोषी धार्मिक और सामाजिक कार्य कर रहे हों। न्यायालयने अधिकारियों को उनकी आजीविका की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।सुप्रीम कोर्ट का आदेश:सभी दोषियों को सप्ताह में 6 घंटे सामाजसेवा करनी होगी।स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर सप्ताह जमानत शर्तों के अनुसार हाजिरी लगानी होगी।
- इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दोषी समाज सेवा और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल रहें।
- अधिकारी दोषियों को आजीविका के लिए रोजगार खोजने में मदद करें।
- मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा अधिकारी 3 महीने के बाद रिपोर्ट दें कि दोषियों ने शर्तों का पालन किया है या नहीं