देश में सबसे बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी: आपको मिलने वाले हैं 30 करोड़ कहकर कपड़ा कारोबारी को लगाया 11 करोड़ का चूना - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Tuesday, January 28, 2020

देश में सबसे बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी: आपको मिलने वाले हैं 30 करोड़ कहकर कपड़ा कारोबारी को लगाया 11 करोड़ का चूना




  • 11:58 am मंगलवार 28 जनवरी , 2020 अहमदाबाद  गुजरात में साइबर धोखाधड़ी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। पुलिस के अनुसार अहमदाबाद के एक कपड़ा कारोबारी से 11 करोड़ 6 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है। 24 जनवरी को दर्ज कराई अपनी शिकायत में कारोबारी प्रतापराय अवतानी ने बताया कि साइबर हैकर्स ने पहले उन्हें कई बीमा पॉलिसियां खरीदने और अधिक रिटर्न दिलाने का वादा किया। इसी के चलते जून 2016 और दिसंबर 2019 के बीच अवतानी ने 186 अलग-अलग खातों में पैसे जमा किए। अवतानी ने पुलिस को बताया कि अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच कई लोगों ने उसे फोन किया। इस दौरान उन्हें कई बार निवेश के पैसे वापस किए जाने का झांसा देते हुए भुगतान कराया गया। लेकिन उन्हें अपना पैसा कभी वापस नहीं मिल सका। बता दें इस मामले उन्होंने 96 लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिस का दावा है कि देश में किसी व्यक्ति से साइबर धोखाधड़ी का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है। अवतानी अपने परिवार के साथ अहमदाबाद के असावरी टावर्स में रहते हैं और कई कपड़ा कंपनियों के मालिक हैं। पुलिस में दर्ज एफआईआर के अनुसार मार्च 2016 में उन्होंने अपनी पोतियों के लिए एक निजी बैंक से 50-50 हजार रुपये की दो बीमा पॉलिसियां खरीदीं। उसी महीने उन्हें एक कौशिक देसाई नाम से एक फोन आया, जिसने खुद को उसी बैंक का कर्मचारी बताया, जहां से अवतानी ने पॉलिसी खरीदी थी। साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया, 'देसाई ने अवतानी से कहा कि जिन दो पॉलिसियों को उन्होंने खरीदा है, उसी से उनको अवतानी की डिटेल मिली है। उसने अवतानी से कहा कि उनके लिए बैंक की तरफ से दूसरे पॉलिसी ऑफर्स हैं, जिन्हें लेने पर दोगुना रिटर्न मिलेगा।'प्राथमिकी में कहा गया है कि 15 मार्च 2016 को अवतानी ने 1.98 लाख रुपये का भुगतान किया और फिर 2018 तक विभिन्न लेनदेन के जरिए 50 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश किया। एफआईआर के मुताबिक देसाई ने तब अवतानी से कहा कि चूंकि उनका निवेश 50 लाख रुपये को पार कर गया था, इसलिए उनका मामला सदानंद मिश्रा द्वारा बैंक के हैदराबाद कार्यालय से संभाला जाएगा। अधिकारी ने बताया, 'इसके बाद मिश्रा ने उन्हें अधिक निवेश करने का झांसा दिया। जब अवतानी ने अपने पैसे को भुनाने की कोशिश की तो मिश्रा ने उन्हें बताया गया कि चेन्नई कार्यालय के जगदीश कुटे उनका मामला संभालेंगे।'अगस्त 2018 में, मिश्रा ने अवतानी को फोन किया और कहा कि कुटे स्टेशन से बाहर हैं और उनकी फाइल का निपटारा हो जाएगा लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ फीस और टैक्स का भुगतान करना होगा। साइबर सेल के अधिकारी ने बताया, 'अवतानी ने बैंक के कई खातों में पैसे जमा किए। नवंबर 2018 में विकास डांगर नाम के शख्स ने फोन करते हुए खुद को दिल्ली ऑफिस का कर्मचारी बताया। डांगर ने कहा कि अवतानी को फाइल क्लियर कराने के लिए एक करोड़ रुपये का और भुगतान करना होगा। इसके बाद अवतानी ने कई बैंक खातों में 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया और अपनी फाइल को मंजूरी देने का इंतजार किया।'अवतानी साइबर धोखेबाजों के जाल में उलझते चले गए। इसके बाद प्रेम कुमार सास्वत नाम के शख्स ने अवतानी को फोन करते हुए खुद को हैदराबाद ऑफिस का कर्मचारी बताया। उसने अवतानी से कहा कि अगर वह निर्देशों का पालन करेगा तो 15 दिन के अंदर उनका पैसा वापस हो जाएगा।जून 2019 से जुलाई 2019 तक अशोक रावत नाम के शख्स ने अवतानी को फोन किया। उसने बताया कि वह दिल्ली कार्यालय से है। उन्होंने अवतानी को बताया कि उन्हें 30 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय से अनुमति की जरूरत है लिहाजा उन्हें और धनराशि देनी होगी।अवतानी ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि अगस्त 2019 से अक्तूबर 2019 के बीच कई लोगों ने उसे फोन किया। इस दौरान उन्हें कई बार निवेश के पैसे वापस किए जाने का झांसा देते हुए भुगतान कराया गया। लेकिन उन्हें अपना पैसा कभी वापस नहीं मिल सका।




 


Post Top Ad