CAA के विरोध पर बोले पीएम मोदी, देश के कुछ युवा गलतफहमी का शिकार - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, January 12, 2020

CAA के विरोध पर बोले पीएम मोदी, देश के कुछ युवा गलतफहमी का शिकार



10:09 am रविवार12 जनवरी , 2020 कोलकाता आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है। इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में मौजूद हैं। पीएम मोदी बेलूर मठ में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पिश्चिम बंगाल सरकार का आभारी हूं, जिन्होंने प्रोटोकॉल तोड़कर बेलूर मठ में राम बिताने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि मेरा अतीत बेलूर मठ से जुड़ा है। बेलूर मठ में मुझे सिखाया गया कि जनसेवा ही प्रभु सेवा है। पीएम मोदी ने कहा कि बेलूर मठ की धरती पर आना मेरे लिए तीर्थयात्रा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब यहां आया था तो गुरुजी, स्वामी आत्मआस्थानंद जी के आशीर्वचन लेकर गया था। आज वो शारीरिक रूप से हमारे बीच विद्यमान नहीं हैं। लेकिन उनका काम, उनका दिखाया मार्ग, रामकृष्ण मिशन के रूप में सदा हमारा मार्ग प्रशस्त करता रहेगा।गौरतलब है कि पीएम मोदी शनिवार शाम कोलकाता पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं सालगिरह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।बेलूर मठ में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा इस देश के युवाओं से भारत को ही नहीं दुनिया को भी बड़ी अपेक्षाएं हैं। नागरिकता कानून पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत सरकार ने रातों रात कोई कानून नहीं बनाया है। किसी भी देश का कोई भी व्यक्ति जो भारत से आस्था रखता है वह भारत की नागरिक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता एक्ट किसी भी नागरिकता छीनता नहीं बल्कि नागरिकता देता है। उन्होंने कहा नागरिकता कानून को लेकर कुछ युवा गलतफहमी का शिकार हैं। युवाओं के मन में कुछ लोग भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमने नागरिकता कानून का सरल किया।बता दें कि हावड़ा जिले के बेलूर में स्थित इस मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1 मई 1897 में की थी। इस मठ को बनाने का उद्देश्य उन साधुओं-संन्यासियों को संगठित करना था जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखते थे। इन साधुओं और संन्यासियों का काम था कि वह रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को जनसाधारण तक पहुंचाए और गरीब, दुखी और कमजोर लोगों की नि:स्वार्थ भाग से सेवा कर सकें। इस मठ में स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस की स्मृति संजो कर रखी गई है।गौरतलब है कि बेलूर मठ के स्वामी जी मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैं काफी उत्साहित हूं कि आज और कल का दिन मैं बंगाल में बिताऊंगा। मुझे रामकृष्ण मिशन में समय व्यतीत करते हुए खुशी हो रही है वो भी तब जब हम स्वामी विवेकानंद की जयंती मना रहे हैं। बेलूर मठ हमेशा से ही मेरे लिए काफी खास रहा है।'इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट कर रामकृष्ण मिशन के पूर्व अध्यक्ष स्वामी आत्मास्थानंद जी महाराज को याद किया। उन्होंने कहा-एक शून्यता होगी। जिस व्यक्ति ने मुझे 'जन सेवा ही प्रभु सेवा' की सीख दी, वे स्वामी आत्मास्थानंद जी महाराज वहां नहीं होंगे। रामकृष्ण मिशन में उनकी उपस्थिति न होना अकल्पनीय है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था


Post Top Ad