- राष्ट्रीय समाचार02:24 pm सोमवार 6 जनवरी, 2020 नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि विजय माल्या शीर्ष न्यायालय में लंबित अपनी याचिका का इस्तेमाल अन्य न्यायाधिकार क्षेत्रों में उनके खिलाफ शुरू की गई दिवालिया कार्रवाई पर रोक के लिए नहीं कर सकते हैं। केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि माल्या ने ब्रिटेन की अदालत में दिवालिया कार्रवाई में फैसला सुनाने से रोकने के लिए अपनी लंबित याचिका का इस्तेमाल किया था। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश पारित किया।माल्या ने 27 जून को शीर्ष अदालत से उसकी और उसके संबंधियों की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। बता दें, माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में हैं। उस पर प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों से लिए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज वापस नहीं करने का आरोप लगाया है। ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्रवाई भी चल रही है। माल्या के प्रत्यर्पण मामले में फरवरी में सुनवाईकिंगफिशर एयरलाइन के लोन मामले में माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। बैंकों के मुताबिक माल्या पर 10 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। लंदन की अदालत और सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे चुकीं, लेकिन उसने फैसले के खिलाफ अपील की थी। उसकी अपील पर फरवरी में सुनवाई होगी।भारत में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत ने पिछले दिनों बैंकों को माल्या की जब्त संपत्तियां बेचने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि, इस आदेश पर 18 जनवरी तक स्थगन रहेगा। इस बीच माल्या या अन्य संबंधित पक्ष बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
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Monday, January 6, 2020
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भगोड़े विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट का झटका, दिवालिया कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार
भगोड़े विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट का झटका, दिवालिया कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार
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