बाबा चरन सिंह समेत परिवार के लापता मामले में 27 साल बाद आया फैसला, CBI कोर्ट ने 6 पुलिस मुलाजिमों को सुनाई सजा - मानवी मीडिया

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Thursday, January 9, 2020

बाबा चरन सिंह समेत परिवार के लापता मामले में 27 साल बाद आया फैसला, CBI कोर्ट ने 6 पुलिस मुलाजिमों को सुनाई सजा



  • पंजाब07:30 pm बृहस्पतिवार 9जनवरी, 2020 मोहाली बाबा चरन सिंह (बीड साहिब वाले) व उनके 6 परिवारिक मैंबरों के संदिग्ध हालत में गायब होने के लगभग 27 साल बाद मोहाली की सीबीआई अदालत ने इस मामले में 6 पुलिस मुलाजिमों को सजा सुनाई है। संदिग्ध हालत में गायब होने वालों में पंजाब पुलिस का कांस्टेबल बलविंदर सिंह भी शामिल था। सीबीआई कोर्ट ने जिन पुलिस मुलाजिमों को सजा सुनाई है उनमें इंस्पैक्टर सूबा ङ्क्षसह, सब इंस्पैक्टर विक्रम सिंह, सब इंस्पैक्टर सुखदेव सिंह व एएसआई सुखदेव राज जोशी, एएसआई सूबा सिंह व हलवदार लक्खा सिंह के नाम शामिल हैं जबकि इस मामले में नामजद रिटायर्ड डीएसपी गुरमीत सिंह रंधावा, इंस्पेक्टर कश्मीर सिंह अब एआईजी काउंटर इंटेलीजेंस पटियाला व रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर निर्मल सिंह को सूबतों की कमी के चलते बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 17 अरोपी थे जिनमें एसएसपी अजीत सिंह संधू सहित सात लोगों की इस मामले की सुनवाई दौरान मृत्यु हो चुकी है। यह मामला 1997 में सीबीआई हवाले किया था जब बाबा चरन सिंह की पत्नी सुरजीत कौर ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में एप्लीकेशन दायर की थी। याचिका में लिखा था कि उनके पति बाबा चरन सिंह, भतीजे बलविंदर सिंह बिट्टू (जो पंजाब पुलिस में कांस्टेबल था), बिट्टू के पिता गुरमेज सिंह, बाबा चरन सिंह के तीन भाई मेजा सिंह, केसर सिंह, गुरदेव सिंह सहित कुल 6 परिवारिक मैंबरों को पंजाब पुलिस ने अप्रैल 1993 दौरान तरनतारन व अलग-अलग स्थानों से अगवा किया था। बाद में पुलिस ने रिकार्ड में यह दर्शाया था कि वह सभी लोग पुलिस हिरासत से फरार होने लगे थे और उस चक्कर में पुलिस की गोलियां लगने से मारे गए। बीबी सुरजीत कौर की उस चिट्ठी अनुसार इन सभी पर झूठे केस डाल दिए गए थे। सीबीआई जांच का यह नतीजा निकला था कि पुलिस ने इस परिवार को पहले अगवा किया और फिर उनको गैर कानूनी हिरासत में रखा। उनके विरुद्ध झूठे केस दर्ज किए और फिर उनको हिरासत से फरार होते समय मारे गए घोषित कर दिया था। इस मामले में हुई सजा उस समय के इंस्पेक्टर सूबा सिंह को दो केसों में 10-10 साल सजा, सब इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को एक केस में 10 साल सजा, इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह को एक केस में 10 साल सजा, एएसआई सुखदेव राज जोशी को दो केसों में पांच 5-5 साल की सजा व एएसआई सुबा सिंह व लक्खा सिंह को 2 साल की प्रवेशन पर 50 -50 का बेल बांड भरने के बाद छोड़ दिया गया है।



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