05:32 pm सोमवार 6 जनवरी, 2020 नई दिल्ली केंद्र सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 8 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल बुलाई है। ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि इस हड़ताल में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। इसमें छात्रों के 60 संगठनों और कुछ यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।ट्रेड यूनियनों ने कहा, ‘श्रम मंत्रालय अब तक श्रमिकों को उनकी किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है। श्रम मंत्रालय ने दो जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी. सरकार का रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है। बता दें, इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी सहित विभिन्न संघों और फेडरेशनों ने पिछले साल सितंबर में आठ जनवरी, 2020 को हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी।दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘8 जनवरी को आगामी आम हड़ताल में हम कम से कम 25 करोड़ लोगों की भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं। उसके बाद हम कई और कदम उठाएंगे और सरकार से श्रमिक विरोधी, जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे। बयान में कहा गया है कि छात्रों के 60 संगठनों और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। उनका एजेंडा बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने का है।ट्रेड यूनियनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा और अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में इसी तरह की घटनाओं की आलोचना की है और देशभर में छात्रों तथा शिक्षकों को समर्थन देने की घोषणा की है। यूनियन ने इस बात पर जताई नाराजगीयूनियनों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं हुआ है। इसके अलावा यूनियनों ने श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है।
Post Top Ad
Monday, January 6, 2020
Home
Unlabelled
8 जनवरी को ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा
8 जनवरी को ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल, 25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा
Post Top Ad
Author Details
.