उन्नाव में माखी दुष्कर्म कांड की धीमी विवेचना पर सीबीआइ की विवेचक को कड़ी फटकार - मानवी मीडिया

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Sunday, September 1, 2019

उन्नाव में माखी दुष्कर्म कांड की धीमी विवेचना पर सीबीआइ की विवेचक को कड़ी फटकार

रविवार 01   सितंबर 2019माखी दुष्कर्म कांड में पीडि़ता के चाचा व मां से जुड़े मामलों के विवेचक को सीबीआइ ने लखनऊ तलब किया। अधिकारियों ने उनसे दस्तावेज मंगवाने के साथ ही बयान दर्ज किए।...




उन्नाव, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले उन्नाव के माखी गांव के दुष्कर्म कांड की जांच कर रही सीबीआइ भी बेहद सक्रिय है। सीबीआइ ने इस मामले की विवेचना की धीमी रफ्तार पर विवेचक को फटकार लगाई है।माखी दुष्कर्म कांड में पीडि़ता के चाचा व मां से जुड़े मामलों के विवेचक को सीबीआइ ने लखनऊ तलब किया। अधिकारियों ने उनसे दस्तावेज मंगवाने के साथ ही बयान दर्ज किए। माखी थाने के एसएसआइ सुधाकर ङ्क्षसह दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा व उसकी मां के खिलाफ दर्ज मामलों की विवेचना कर रहे हैं। बीते दिनों सीबीआइ की एक टीम जब माखी थाने पहुंची थी तो एसएसआइ से भी पूछताछ करना चाहती थी लेकिन वह नहीं मिले थे। इस पर टीम ने उन्हें केस से जुड़े दस्तावेज के साथ लखनऊ बुलाया था। शनिवार को एसएसआइ लखनऊ में सीबीआइ अधिकारियों के समक्ष पहुंचे और बयान दर्ज कराए। बताते हैं कि अधिकारियों ने सभी मामलों की मौजूदा स्थिति की जानकारी लेकर निस्तारण प्रक्रिया की धीमी रफ्तार पर फटकार भी लगाई और जल्द मामले निपटाने को कहा। एसओ राजबहादुर ने बताया कि एसएसआइ बयान दर्ज कराने गए हैं।।           गवाहों की गैरहाजिरी पर अदालत ने जताई नाराजगी                                                बहुचर्चित माखीकांड की दुष्कर्म पीडि़ता के चाचा को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की तिहाड़ जेल से लाया गया। यहां पर उसके खिलाफ तीन अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन मामलों की सुनवाई हुई। सीजेएम तृतीय न्यायालय में सीबीआइ के एक गवाह की मौत के मामले में गवाह हाजिर नहीं हुआ। एसीजेएम तृतीय न्यायालय में गवाह के भाई के खिलाफ दर्ज मारपीट के मामले में भी गवाह उपस्थित नहीं हुए। दोनों ही मामलों में अदालत ने नाराजगी जताते हुए 13 सितंबर को गवाह को पेश करने का आदेश दिया। इस दौरान कोर्ट परिसर में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त रहे। जीआरपी उन्नाव में दर्ज लूट, माल बरामदगी और आम्र्स एक्ट के मामलों में आरोपित चाचा को ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। जहां बहस के बाद अभियोजन पक्ष ने कुछ कागजात दाखिल करने का समय मांगा, जिस पर 13 सितंबर की तारीख दी गई।




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