सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार शाम आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि विगत ढाई वर्षों में बेसिस शिक्षा परिषद ने कार्य किये हैं उसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के रूप में हमें समाज को कुछ देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है तो इस जीवन को धन्य मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो कहा गया कि बेसिक शिक्षा बहुत ज्यादा खर्च किया जा रहा है। तो हमने कहा कि इससे शिक्षा का विकास होगा और तभी आपरेशन कायाकल्प की शुरूआत की गई। उन्होंने कहा शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं बहुत अच्छा योगदान दे सकती हैं। यदि वे नियमित रूप से स्कूल जाएं तो निश्चित रूप से एक योग्य शिक्षक के रूप में अपने आप को साबित कर सकती हैं। मुझे उम्मीद है कि अगली बार सम्मानित होने वाले शिक्षकों में महिलाओं की संख्या अधिक होगी।
श्री योगी ने कहा कि स्कूल चलो अभियान को शुभारम्भ 2017 में किया गया था। इस दौरान इस अभियान ने अच्छा किया। स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है। बहुत से देश की इतनी जनसंख्या नहीं होगी, जितनी विद्यालयों में विद्यार्थियों की होगी। उन्होंने कहा कि हमें कोशिश करना होगा सरकार योजना सिर्फ योजना न बनकर जनान्दोलन बने तभी अपेक्षित सफलता मिलेगी। यदि कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित रह जाता है तो यह समाज का दुर्भाग्य है।उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान नहीं है। हम बच्चों को ऐसे व्यावहारिक ज्ञान से परिपूर्ण करें जिससे वे जीवन में चुनौतियों का समाना कर सकें।
इससे पहले बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में हमारा प्रयास होगा कि आने वाले समय में प्रत्येक जिले से कम से कम एक शिक्षक को राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। इसके साथ अब शिक्षक खुद भी इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकेंगे।। पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रुपये व दो साल का सेवा विस्तार
मुख्यमंत्री ने पांच सितंबर 2017 को शिक्षक दिवस समारोह में प्रदेश के हर जिले से परिषदीय विद्यालयों के एक-एक शिक्षक को राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजने का एलान किया था। पिछले साल तो बेसिक शिक्षा विभाग ऐसा नहीं कर पाया, लेकिन इस बार उसने प्रदेश के हर जिलों के शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। पुरस्कार के लिए जिलों से संस्तुत किये गए शिक्षकों का राज्य स्तरीय समिति ने 26, 27 व 28 अगस्त को साक्षात्कार किया था। राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन के आधार पर शासन ने 49 शिक्षकों को पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। इन शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रुपये प्रदान किये गए। इन शिक्षकों को दो साल का सेवा विस्तार भी मिलेगा।