नई दिल्ली - ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए होने वाली धोखधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हालांकि लोगों को इसे लेकर काफी जागरूक भी किया जाता है। लेकिन छातिर चोर किसी भी तरीके से लोगों को अपने चंगुल में फंसा कर उनके खाते से पैसे उड़ा ही लेते हैं। ताजा मामला मंबई में सामने आया है। मुंबई के यूजर को उस वक्त 96 हजार रुपये की चपत लग गई जब वह Google Pay के जरिए बिजली के बिल का भुगतान कर रहा था। इस दौरान उसे पेमेंट ऐप पर ट्रांजैक्शन फेल का मेसेज मिला। एक रिपोर्ट के अनुसार यह यूजर गूगल डॉट कॉम पर गूगल पे कस्टमर केयर नंबर सर्च कर रहा था। सर्च करने पर फर्जी मिले नंबर पर जब इस यूजर ने कॉल किया तो जालसाजो ने उससे कहा कि ट्रांजैक्शन फेल होना एक आम बात है और इससे परेशान होने की जरूरत नहीं। इसके बाद फर्जी एग्जिक्युटिव ने यूजर को अपने द्वारा भेजे हुए एक टेक्स्ट मेसेज लिंक पर क्लिक करने को कहा। इन जालसाजो ने बड़ी चालाकी से यूजर को लिंक पर क्लिक करने के लिए मना लिया। इसके बाद जैसे ही यूजर ने लिंक पर क्लिक किया उसके खाते से 96,000 किसी अनजान व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हो गए। ये पैसे यूजर के उसी बैंक अकाउंट से ट्रांसफर हुए जो गूगल पे से लिंक था। पिछले कुछ महीनों में इस प्रकार की ठगी के कई मामले सामने आए हैं। इसमें पॉप्युलर ऐप्स के फर्जी कस्टमर केयर नंबर से भी ठगी की गई है। जुलाई 2018 में एक यूजर को उस वक्त 2.2 लाख रुपये की चपत लग गई जब वह एक नामी फूड ऐप से खाना ऑर्डर कर रहा था। इस मामले में फेक कस्टमर केयर नंबर पर मिले फर्जी एग्जिक्युटिव ने बड़ी चालाकी से यूजर का ओटीपी मांग लिया था। ओटीपी बताने के कुछ ही देर बाद जब यूजर ने फोन चेक किया तो उसे खाते से 2.2 लाख रुपये ट्रांसफर होने का मेसेज मिला। इस तरह बचें ठगी से-
आमतौर पर इस प्रकार की जालसाजी करने वाले ठग ग्राहकों को फर्जी बैंक एग्जिक्यूटिव बनकर कॉल करते हैं। उनके बात करने का तरीका बिल्कुल प्रोफेशनल बैंक एम्प्लॉयी की तरह होता है। रिसीव की गई ऐसी किसी कॉल पर अगर आपको शक हो तो आप उस एग्जिक्यूटिव से बैंकिंग से जुड़े कई सवाल करें जिससे की वह परेशान होकर खुद ही फोन काट दे।
2. डीटेल न दें
फर्जी एग्जिक्यूटिव खुद को असली बैंक एम्प्लॉयी साबित करने के लिए पहले कुछ वेरिफिकेशन वाले सवाल जैसे आपकी जन्मतिथि, नाम, मोबाइल नंबर मांगेंगे। जरा भी शक होने पर इन फर्जी एम्प्लॉयीज को अपनी बैंक डीटेल ना दें। 3. डराने का है खेल
ये फर्जी बैंक और कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव आपको कह सकते हैं कि अगर आपने उनके द्वारा दिए जा रहे सुझाव पर अमल नहीं किया तो आपका डेबिट/क्रेडिट कार्ड और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं ब्लॉक हो सकती है। बैंकिंग सेवा के ब्लॉक होने के डर से यूजर बिना दो बार सोचे इन ठगों की बातों में आ जाते हैं।
4. मांगते हैं कोड
ऐप के इंस्टॉल होने के बाद ये फर्जी कॉलर यूजर के फोन में आए 9 अंको वाले ऐप कोड की मांग करते हैं। यह कोड एक लॉगइन की की तरह काम करता है और इससे फर्जी कॉलर यूजर के फोन का फुल ऐक्सेस पा जाते हैं।