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Monday, September 9, 2019

पूरे देश को घुसपैठियों से मुक्त करना चाहते हैं:: अमित शाह

सोमवार 9 सितंबर, 2019केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुवाहाटी में नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है। जमीनी स्तर पर इस भावना को फैलाने के लिए पूर्वोत्तर को 'कांग्रेस मुक्त' बनाना महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से अलग-थलग कर दिया था। कांग्रेस ने पूर्वोत्तर में बांटो और राज करो की नीति का अनुसरण किया। आज, मुझे खुशी है कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य एनईडीए के साथ हैं।





शाह ने कहा, 'आजादी के बाद से 2014 तक कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट में भाषा, जाति, संस्कृति, क्षेत्र विशेष के आधार पर झगड़े पैदा किए। इससे पूरा नॉर्थ ईस्ट अशांति का गढ़ बन गया। यहां विकास की जगह भ्रष्टाचार को अहम जगह देने का काम कांग्रेस ने किया। नॉर्थ ईस्ट में आतंकवाद की समस्या को सुलझाने के बजाए कांग्रेस ने इसे और फैलाया और अपना राज बना रहे ऐसी नीति पर चलते रहे। कांग्रेस ने फूट डालो और राज करो वाली नीति ही अपनाई थी।'


उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्ट के आठों राज्यों ने एनईडीए को स्वीकारा है। 25 लोकसभाओं में से 19 लोकसभा सीटें एनईडीए ने जीतकर मोदी जी की झोली में डाली हैं। हमने छोटे-छोटे दलों की भावनाओं को समझकर उन्हें एनईडीए से जोड़ा है। त्रिपुरा में तीन चौथाई बहुमत मिलने के बाद भी हमारे सहयोगी वहां की सरकार में मंत्री बने हैं। ये बताता है कि एनईडीए किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। नॉर्थ ईस्ट भारत के लिए फेफड़ों के समान है क्योंकि यहां देश का 26 प्रतिशत भाग वन क्षेत्र है जो देश को ऑक्सीजन देने का काम करता है।


एनआरसी का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि नार्थ ईस्ट के राज्यों ने एनआरसी पर चिंता व्यक्त की है कि काफी लोग छूट गए हैं और गहनता से काम होना चाहिए। मैं सभी को आस्वस्त करना चाहता हूं कि एक भी घुसपैठिया असम के अंदर रह भी नहीं पाएगा और दूसरे राज्य में घुस भी नहीं पाएगा। हम सिर्फ असम को घुसपैठियों से मुक्त करना नहीं चाहते बल्कि पूरे देश को घुसपैठियों से मुक्त करना चाहते हैं। एक जमाने में हम सुनते थे कि नॉर्थ ईस्ट की पहचान आतंकवाद, घुसपैठ, ड्रग्स, भ्रष्टाचार, जनजाति तनाव हैं। पिछले पांच साल में हम विकास, कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल, और शांति की दिशा में आगे बढ़े हैं।




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