भोपाल मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में बनाये गये विशेष जांच दल (एसआटी) के प्रमुख ने बुधवार रात कहा कि इस हाई-प्रोफाइल मामले की तहकीकात के नतीजे बड़े हो सकते हैं। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि मामले में जिन लोगों की आपराधिक भूमिका पायी जायेगी, उन सबके नाम सामने आयेंगे। इसी बीच ये भी बात सामने आई है कि इस गिरोह के सदस्यों के पास से जांच कर रही है एसआईटी की टीम 13 आईएएस ( IAS) अधिकारियों की एक 'टारगेट लिस्ट' मिली है। जिन्हें गिरोह की लड़िकयों ने अपने जाल में फंसा लिया था और अब उनके सेक्स वीडियो को बनाकर ब्लैकमेलिंग की तैयारी थी। हालांकि 13 आईएएस अधिकारियों के नाम सामने नहीं आए हैं। 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप मामले में गिरोह के पांच महिला सहित छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। हनी ट्रैप गिरोह की लिस्ट में ऐसे आईएएस अधिकारियों के नाम लिस्ट में कोड वर्ड में दर्ज हैं।देश का 'सबसे बड़ा ब्लैकमेलिंग सेक्स स्कैंडल' कहे जाने वाले इस मामले में अब तक 4 हजार से अधिक फाइलें जांच एजेंसियां तैयार कर चुकी हैं और इनके मिलने का सिलसिला अभी जारी है। इस गिरोह के शिकार चार राज्यों के शीर्ष नेता, आईएएस अधिकारी, इंजिनियर, बड़े व्यापारी हुए हैं। इन सेक्स विडियो और अश्लील चैट, ब्लैकमेलिंग के सबूत गिरोह के सदस्यों के लैपटॉप और मोबाइल से बरामद किए गए हैं।
इस खुलासे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित इस सेक्स और ब्लैकमेलिंग गिरोह के पीछे कौन लोग हैं? कौन उन्हें टारगेट देता था? सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के हाथ एक लिस्ट लगी है, जिसमें कम से कम 13 ऐसे आईएएस अधिकारियों के नाम हैं जो अलग- अलग समय पर मत्स्य पालन, कृषि, संस्कृति, उद्योग, शहरी प्रशासन, श्रम, वन, जल संसाधन, जन संपर्क और प्रशासनिक विभागों में काम कर चुके हैं।इस सेक्स ब्लैकमेलिंग गिरोह के संचालक ने एक सरकारी डायरी के पन्नों पर 'हिट लिस्ट' बनाया था। जांच से जुडे़ एक अधिकारी ने बताया कि टारगेट लिस्ट में शामिल अफसरों के नामों के आगे टिक लगे हुए थे और कोड वर्ड भाषा में कुछ लिखा है। कुछ अधिकारियों के नामों पर घेरा बनाया गया है और कुछ अधिकारियों के नाम के आगे 'महत्वपूर्ण' या 'ओके' लिखा हुआ है। जांचकर्ता कोड वर्ड भाषा में लिखी बातों का मतलब पता लगा रहे हैं।