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Thursday, September 5, 2019

लखनऊ (उत्तर प्रदेश )राज्यपाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह


लखनऊ: बृहस्पतिवार 5 सितम्बर, 2019    

लोकभवन में आज शिक्षक दिवस के अवसर पर 'राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने की तथा मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे। इस अवसर पर उप- मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सतीश द्विवेदी, राज्यमंत्री माध्यमिक शिक्षा श्रीमती गुलाब देवी, राज्यमंत्री उच्च शिक्षा श्रीमती नीलिमा कटियार, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, विशेष सचिव उच्च शिक्षा श्री आर0रमेश सहित बड़ी संख्या में प्रदेश से आये शिक्षकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा से जुड़े तीन शिक्षकों को 'सरस्वती पुरस्कार 2019', छः शिक्षकों को 'शिक्षकश्री पुरस्कार', माध्यमिक शिक्षा से जुड़े छः अध्यापकों को 'राज्य अध्यापक' तथा 15 अध्यापकों को 'मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार' देकर सम्मानित किया गया।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सम्मान प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुये कहा कि शिक्षक संवेदनशील बनें तथा बच्चे की प्रतिभा को पहचानकर आगे बढ़ायें। विद्यार्थियों में स्वाभिमान व आत्म-सम्मान की नींव डालें। शिक्षक गलतियों को सुधारता है। एक शिक्षक को विद्यार्थी की पारिवारिक स्थिति को समझना चाहिए। बच्चों के विकास के लिये उनके सामने कोई विषय रखें तथा उसके बारे में बच्चों में लिखने की आदत डालें। छोटी-छोटी बातें भी बड़ी सीख देती हैं। उन्होंने कहा कि सुयोग्य एवं कुशल शिक्षकों की नियुक्ति से विद्यार्थियों का भविष्य बनता है। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों में स्वच्छता की आदत डालें। अपने अनुभव को साझा करते हुये उन्होंने कहा कि वह स्वयं बचपन से शिक्षकों के साथ विद्यालय की सफाई के लिये श्रमदान करती थीं। स्वच्छता और सफाई का भाव महात्मा गांधी ने शुरू किया था जिसे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों से उन्हें ज्ञात हुआ कि एक शिक्षक ने अपने एक माह के वेतन रूपये अस्सी हजार से बालिकाओं के लिये विद्यालय में शौचालय का निर्माण कराया। यह संवेदना और विचार का विषय है। ऐसे अच्छे शिक्षकों को समाज के सामने प्रस्तुत करने की जरूरत है जिससे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों प्रेरणा लें। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना की। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस की बधाई देते हुये कहा कि जीवन का लम्बा अनुभव ही शिक्षा की वास्तविकता होती है। हम सबका जीवन सीखने के लिये है, हर घटना हमें सीखाती है। आवश्यकता इस बात की है कि उसे हम स्वयं से कैसे जोड़ें। उत्तर प्रदेश में नकल विहीन परीक्षा, पठन-पाठन के लिये उपयुक्त वातावरण, प्रतिस्पर्धा के लिये प्रोत्साहन आदि से लोगों के नजरिये में बदलाव आया है। सरकार ने शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती भी प्रारम्भ कर दी है। उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थान प्रदेश के सहयोगी हैं, सरकार ने उनके लिये भी नियमावली बनायी है तथा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम भी बनाया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में परिवर्तन दिखना चाहिए। केवल डिग्री नहीं, विद्यार्थियों का भविष्य भी उज्जवल होना चाहिए। विद्यार्थियों को अपने विषय का ज्ञान होना चाहिए। शिक्षक लेखन का कार्य करें जिससे आगे आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले। केवल सिद्धांतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक ज्ञान भी अर्जित करें। महिला सशक्तीकरण पर विचार करने की आवश्यकता है। देश के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अध्यापक अपनी जिम्मेदारी को महसूस करते हुये भावी पीढ़ी का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों पर विद्यालयों में चर्चा होनी चाहिए।

उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी का सृजन करते हैं। सरकार ने शिक्षा के उन्नयन के लिये अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेवा शिक्षा प्राधिकरण की स्थापना की है।

कार्यक्रम में राज्यमंत्री माध्यमिक शिक्षा श्रीमती गुलाब देवी ने भी अपने विचार रखे। समारोह में स्वागत उद्बोधन मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी द्वारा दिया

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