नई दिल्ली बढ़ते बिजली बिल को लेकर उपभोक्ता हमेशा परेशान रहता है और बिल कम करने के लिए तमाम उपाय भी करता है, लेकिन इसके लिए बल्ब बदल के देख लिये, ट्यूबलाइट बदल के देख ली, एसी-फ्रिज भी बदलकर देख लिया... फिर भी बिजली का बिल उतना नहीं घट रहा जितना घटना चाहिए तो घर बदल दीजिए। अरे चौंकिए नहीं... घर बदलने से मतलब घर का पूरा का पूरा डिजाइन बदलने से है।
घर का डिजाइन बदलते ही आपका घर स्मार्ट बन जाएगा और खुद बिजली की खपत को घटा देगा। आपका यही घर 30 से 50 प्रतिशत तक बिजली की खपत कम कर सकता है। और तो और अगर आप इस तरह के घर को बनाना चाहते हैं या फिर खरीदना चाहते हैं तो यह भी संभव है कि आपको होम लोन में कुछ प्रतिशत की छूट मिल जाए।भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय से जुड़ी संस्था ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएंसी (BEE) अब रेजिडेंशियल सेक्टर में बिजली की खपत घटाने के लिए कुछ तरीके सुझा रहा है। इन तरीकों को घर बनने के दौरान या बने बनाए घर पर आजमाया जाए तो घर खुद ही बिजली की खपत कम कर देता है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के डायरेक्टर जनरल अभय बाकरे ने बताया कि हमने इको निवास (www.econiwas.com/launch/) नाम से एक पोर्टल बनाया है। इस पोर्टल पर कोई भी अपनी जरूरत के हिसाब से दो बेडरूम, तीन बेडरूम, स्पेस रिक्वायरमेंट के हिसाब से ऑप्शन को चुनता है तो वहां घरों की छत, दीवार, विंडों की डिजाइन में कुछ बदलाव के ऑप्शन आते हैं, इन ऑप्शन को चुनते ही वहीं पर बाजू में ये दिखाई देता रहता है कि इन डिज़ाइन ऑप्शन को चुनने से आप कितने प्रतिशत बिजली की खपत कम कर सकते हैं'।
अभय बाकरे बताते हैं कि इस समय संस्था और बैंकों के बीच बात चल रही है ताकि इस तरह के एनर्जी सेविंग वाले घरों के लिए बैंक होम लोन में कुछ छूट दे सकें। BEE के प्रोग्राम मैनेजर एस विकास रंजन के अनुसार 'घरों की छत पर, दीवार में इंसुलेटर लगाकर और विंडो के ऊपर शेड लगाकर साथ ही विंडो में डबल ग्लास लगाकर करीब 35 प्रतिशत बिजली बचायी जा सकती है। वहीं घर के अंदर अगर एसी के तामपान में 1 डिग्री तापमान में बढ़ोतरी करने पर 6 प्रतिशत बिजली घटाई जा सकती है। अगर आप पहले एसी का तापमान 18 डिग्री रखते थे और अगर स्टैंडर्ड फॉर्मूले के हिसाब से इसे 24 डिग्री पर रखते हैं तो आप घर के अंदर ही 36 प्रतिशत तक बिजली की खपत कम कर सकते हैं।'वहीं CPWD के डायरेक्टर जनरल प्रभाकर सिंह के मुताबिक 'बिजली की खपत कम करने के लिये सीपीडब्लूडी भी बिजली बचाने वाले स्मार्ट होम पर फोकस कर रही है। आमतौर पर यह धारणा है कि बिजली बचाने वाले स्मार्ट होम बनाने में खर्च 5 प्रतिशत ज्यादा होता है। हम इसे ध्यान में रखकर भी चलते हैं लेकिन समय बीतने पर हम देखते हैं कि इससे जो बचत होती है उससे ये सस्ता पड़ने लगता है।'देखा जाए तो बिजली की बचत करने वाले घर 30 से 50 प्रतिशत ही नहीं बल्कि कुछ मामलों में बिजली की खपत को उससे भी ज्यादा घटा सकते हैं। बिजली की बचत करने वाले घरों में राज्य की भौगोलिक स्थिति, जलवायुवीय स्थिति, घर की लोकेशन के हिसाब से सूर्य की दिशा का प्रभाव भी पड़ता है। बिजली की खपत घटने का सीधा मतलब है बिजली के बिल में कटौती होना