कैबिनेट ने लिए 2 बड़े फैसलेः रेलवे कर्मियों को बोनस, ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध बुधवार 18 सितंबर 2019  - मानवी मीडिया

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Wednesday, September 18, 2019

कैबिनेट ने लिए 2 बड़े फैसलेः रेलवे कर्मियों को बोनस, ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध बुधवार 18 सितंबर 2019 


नई दिल्ली: सरकार ने त्योहारी सीजन से पहले रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमडल की आज यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मीटिंग में एक और अहम फैसला ई-सिगरेट को लेकर किया गया। सरकार ने ई-सिगरेट पर संपूर्ण पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन दोनों प्रमुख फैसलों पर मुहर लगाई गई।बोनस पर खर्च होंगे 2,024 करोड़





सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने रेल कर्मचारियों के लिए उत्पादकता आधारित बोनस को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत सभी पात्र अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस (पीएलबी) मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से लगभग 11 लाख रेल कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।             ई सिगरेट बैन


बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्यात, आयात, बिक्री, परिवहन, भंडारण और विज्ञापन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के लिए अध्यादेश लाया जायेगा। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जायेगा।


सीतारमण ने बताया कि देश में ई-सिगरेट का विनिर्माण नहीं होता है और यहाँ बिकने वाली सभी ई-सिगरेट आयात की जाती है। इस समय देश में 150 से ज्यादा 'फ्लेवर' में 400 से ज्यादा ब्रांड के ई-सिगरेट बिक रहे हैं। ये गंधरहित होते हैं और इसलिए 'पैसिव स्मोकर' को पता भी नहीं चलता और उसके शरीर में भी भारी मात्रा में निकोटीन पहुँचता रहता है।


जावड़ेकर ने बताया कि ई-सिगरेट और ई-हुक्का से जुड़े नियमों का पहली बार उल्लंघन करने पर एक साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। अपराध दुहराने पर तीन साल तक की सजा और पाँच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया जायेगा। सिर्फ भंडारण संज्ञेय अपराध नहीं होगा, ई-सिगरेट से जुड़ी अन्य सभी गतिविधियाँ संज्ञेय अपराध होंगी।


सीतारमण ने आँकड़े देते हुये बताया कि अमेरिका में ई-सिगरेट के प्रत्यक्ष प्रभाव से सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। वहाँ स्कूली छात्रों में इसकी लत 77.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों में भी इसकी लत 48.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।


उन्होंने कहा कि युवा वर्ग इसे 'कूल' मानता है और इसलिए इसकी जद में जल्दी आ जाता है। आरंभ में इसका प्रचार यह कहकर किया जाता था कि यह सिगरेट की आदत छोड़ने में मदद करता है, लेकिन यह देखा गया है कि लोग सिगरेट साथ ही ई-सिगरेट भी पीते हैं।


सिगरेट पर पाबंदी क्यों नहीं, जावड़ेकर ने बताया
इस सवाल पर कि सिगरेट को प्रतिबंधित करने की बजाय ई-सिगरेट को क्यों प्रतिबंधित किया जा रहा है जबकि पारंपरिक सिगरेट से स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान होता है, जावड़ेकर ने कहा कि सवाल कम या ज्यादा नुकसान का नहीं है। लोगों में एक नयी लत पड़ रही है जिसे समय पर रोकना जरूरी है। युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर जोखिम नहीं लिया जा सकता।




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