लखनऊ (उत्तर प्रदेश )के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मेधावी छात्र छात्राओं से कहा कि वे लक्ष्य को निर्धारित कर उसे पूरा करने की दिशा में पूर्ण मनोयोग से से कार्य करें। पूर्व राष्ट्रपति डा कलाम का जिक्र करते हुए डा शर्मा ने कहा कि वे कहते थे कि बडा सपना देखो और ऐसा सपना देखो कि जब नींद खुले तो उस सपने के पीछे भागने की प्रवृत्ति जाग्रत हो तथा जब तक वह पूरा न हो जाए तब तक चैन की नींद न आए। उन्होंने बच्चों से पढलिखर कर देश व प्रदेश का नाम रोशन करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में बडा परिवर्तन आया है। यूपी एक ऐसा प्रदेश हैं जहां पर साहित्यकार से लेकर प्रधानमंत्री तक हुए हैं। देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री भी यूपी ने ही दिए हैं। यूपी के पास प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के साथ ही एक बडी सांस्कृतिक विरासत भी है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में शिक्षा का स्तर काफी गिरा था जिसके कारण प्रदेश में आने वाले लोग इस क्षेत्र को लेकर व्यंगात्मक टिप्पणी तक कर देते थे। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद विश्व सबसे बडा बोर्ड है जहां पर लगभग 65 से 70 लाख बच्चे परीक्षा में शामिल होते हैं। इतनी बडी परीक्षा पिछली बार नकलविहीन सम्पादित हुई है। उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं ने भी तय कर लिया है कि यूपी से नकल को अब भगाना ही है। डा शर्मा ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व जब पीएम यूपी में आए थे तक उन्हे दुखी होकर कहना पडा था कि यहां पर नकल के ठेके उठते हैं। उस समय की सरकार में नकल को संरक्षण मिला करता था जिसके कारण बाहर के छात्र भी यहां पर आकर परीक्षा देते थे। मेधावी छात्रों की कापी को दूसरे छात्रों से बदलकर उनके साथ अन्याय किया जाता था। इस प्रथा को समाप्त करने का निश्चय मुख्यमंत्री ने किया और कहा कि प्रतिभावान छात्र छात्राओं के साथ अब यूपी में अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब यूपी में प्रतिभा का सम्मान है। जो मेधावी छात्र है उनके गांव की सडक गौरव पथ के नाम से बनाई जा रही है जो उनकी उपलब्धि की गाथा को कहेगी।
डॉ दिनेश शर्मा ने उपस्थित छात्र छात्राओं से कहा कि यह आपका प्रदेश हैं जिसे आप पर नाज है। उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड की परीक्षा में 75 प्रतिशत तथा अन्य बोर्ड में 80 प्रतिशत अंक लाने वाले लखनऊ मंडल के छाज्ञ छात्राओं के लिए सरकार ने एचसीएल के साथ अनुबंध कर प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। वहां प्रशिक्षण लेने वालों को 15 माह तक 10 हजार रूपए भी मिलेंगे। इसके बाद उसे वहा पर नौकरी भी मिलेगी। इसके साथ ही वहां पर बिट्स प्लानी के साथ मिलकर बीटैक एम टैक पाठयक्रम बनाया गया है जिसमें भी प्रवेश मिल जाएगा। इस कोर्स को पूरा करने के बाद वे कही भी नौकरी के लिए स्वतंत्र होंगे। इस प्रकार सरकार ने पढाई के साथ प्रशिक्षण व रोजगार की पुख्ता व्यवस्था कर दी है। असल में वर्तमान सरकार बच्चों को नकल न करने का यह पुरुस्कार दे रही है। इस प्रकार की योजनाओं को अन्य जगहों पर लाने पर भी विचार हो रहा है। सरकार की मंशा कलमधारी बनाने की नहीं बल्कि देश के कर्णधार तैयार करने की है। उन्होंने कहा कि पहली बार यूपी में एनसीईआरटी का कोर्स चालू किया गया तथा पुस्तकों के मूल्य में भी भारी कमी हुई है। देश में सबसे सस्ती किताबे प्रदेश में मिल रही है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा में सुधार के तहत शैक्षिक पांचाग तैयार किया है। अब परीक्षाओं के समय में कमी की गई है। सुखी मन शिक्षक ,तनाव मुक्त विद्यार्थी तथा गुणवत्तापरक शिक्षा तथा नकल विहीन परीक्षा के मंत्र को लेकर सरकार आगे बढ रही है। सरकार ने तकनीक के प्रयोग से नकल पर लगाम लगाई है। उन्होंने बच्चों के माता पिता से बच्चों पर अपनी इच्छा न थोपने की भी अपील कीपिछले बार सम्मानित हुए बच्चों की की तुलना में इस बार सम्मानित होने वालों की संख्या बढी है। इस बार कुल 1695 बच्चों को सम्मानित किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन व संपादन माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मुख्य आतिथ्य में उनके मार्गदर्शन में हुआ उन्होंने इस अवसर पर मेधावी छात्रों और उनके अभिभावकों को संबोधित किया तथा प्रथम 10 स्थान प्राप्त करने वाले हैं विद्यार्थियों को ₹100000 एक टेबलेट मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया कार्यक्रम में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती गुलाब देवी राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा प्रमुख सचिव सचिव व अन्य प्रमुख अधिकारी सम्मिलित हुए
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Sunday, September 1, 2019
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हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षा के मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा का सम्बोधन*
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