शनिवार 7 सितंबर, 2019 नई दिल्ली प्रिया रमानी ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर की तरफ से दायर मानहानि मामले में एक गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करवाया। अतिरिक्त महानगर दंडाधिकारी समर विशाल की अदालत ने उनके बयान को दर्ज किया। एक गवाह के रूप में उनके बयान के अनुसार, "अपराह्न् 7 बजे, मेरी दोस्त निलोफर ने मुझे ओबेराय होटल छोड़ा। मैं लॉबी पहुंची और अकबर से मुलाकात करने की कोशिश की। लेकिन जब मैं उन्हें नहीं ढूंढ़ पाई तो मैंने रिसेप्शन से उनसे संपर्क करवाने के लिए कहा। उन्होंने मुझे अपने कमरे में आने के लिए बोला।" उन्होंने कहा, "मैं चुप हो गई और हिचकिचा रही थी। उन्होंने फिर से दोहराया और मुझे आने के लिए कहा। मैंने सोचा कि साक्षात्कार कॉफी शॉप या फिर लॉबी में हो सकता है, लेकिन तब मैं केवल 23 साल की थी और यह कहने का आत्मविश्वास नहीं जुटा पाई कि 'नहीं मैं आपका लॉबी में इंतजार करूंगी।"' **रमानी ने कहा, "मैं हिचकिचाई लेकिन चली गई। मैंने घंटी बजाई, उन्होंने उत्तर दिया और मैं उनके कमरे में चली गई।" उन्होंने आगे कहा, "यह उनका बेडरूम था। यह छोटा-सा कमरा था। वहां बेड के पास एक दो सीट का सोफा लगा हुआ था। वहां एक बड़ी खिड़की थी, जिसके बाहर समुद्र दिखता था। खिड़की के पास दो कुर्सी और एक छोटा मेज रखा हुआ था।" रमानी ने कहा, "मैं एक पेशेवर साक्षात्कार के लिए इस तरह के अंतरंग स्थान पर खुद को सहज महसूस नहीं कर रही थी। मुझे अच्छी तरह से पता था कि मैं उनके साथ कमरे में अकेली हूं। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं पत्रकारिता पढ़ने के लिए अमेरिका क्यों गई थी। मैंने जवाब दिया कि पत्रकार बनना मेरा सपना था और यह नौकरी मेरे लिए महत्वपूर्ण है खासकर के जब यह मेरी पहली नौकरी है।" उन्होंने कहा, "उसके बाद उन्होंने मुझसे कई निजी सवाल पूछे। वह जानना चाहते थे कि मैं विवाहित हूं या नहीं। मैंने कहा नहीं। वह जानना चाहते थे कि मेरा कोई ब्वॉयफ्रेंड है या नहीं। उन्होंने मुझसे मेरे परिवार से जुड़े कई सवाल पूछे। मैंने उनसे कहा कि मेरे माता-पिता उत्सुक हैं और मेरे पास एक अरेंज्ड मैच है।" रमानी ने कहा, "अकबर ने उसके बाद अपने मिनी बार से मुझे शराब की पेशकश की, लेकिन मैंने मना कर दिया।"
उनके वकील ने तब पूछा, "उसके बाद क्या हुआ?" रमानी ने कहा, "वह उठे और खुद के लिए ड्रिंक बनाने लगे। शायद वह वोदका था। उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरे संगीत के पसंद के बारे में पूछा। जब मैंने जवाब दिया तो वह पुराने हिंदी संगीत गुनगुनाने लगे। मैं इस तरह के निजी सवालों से काफी असहज महसूस करने लगी थी।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझसे मेरी लेखन कला, समसामयिकी के बारे में नहीं पूछा। उसके बाद वह बेड के पास पड़े दो सीट वाले सोफे पर बैठ गए और इस तरह की भाव-भंगिमा प्रदर्शित की कि मैं उस छोटी सी जगह में आकर उनके पास बैठ जाऊं।" रमानी ने कहा, "मैं उनके अनुचित व्यवहार से नर्वस महसूस कर रही थी। अब मैं अपनी शारीरिक सुरक्षा को लेकर भी चिंतित थी। मैं जानती थी कि मुझे तत्काल कमरे से जाना चाहिए। मैं उठी और कहा कि मुझे जाना है। जैसे ही मैं जाने लगी, मिस्टर अकबर ने कहा कि उनका कार्यालय नौकरी के बारे में उनकी सहायता करेगा।" उसके बाद अदालत को स्थगित कर दिया गया।