नई दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर उठ रही अंगुलियों के बीच जहां हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विलय समेत कई घोषणाएं की वहीं अब सरकार का ध्यान निर्यात क्षेत्र पर भी है। ऐसी पूरी संभावना है कि सरकार निर्यात क्षेत्र को लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस संबंध में वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय आपस में कई चरणों की बातचीत कर चुके हैं। इस बातचीत के दौरान विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में इकाइयों पर भी बात हुई। सूत्रों के अनुसार सरकार सेज की यूनिटों पर कर संबंधी लाभ को हटाने की समयसीमा बढ़ा सकती है। केंद्र सरकार ने साल 2016-17 के आम बजट में घोषणा की थी कि आयकर संबंधी लाभ सेज की केवल उन्हीं नई इकाइयों को मिलेंगे, जो 31 मार्च 2020 से पहले कार्य करना शुरू कर देंगी। रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए सरकार रंगीन रत्न (पत्थर) और पॉलिश हीरों पर आयात शुल्क को घटाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में यह 7.5 प्रतिशत है।सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा आयात और निर्यात कंसाइनमेंट को जल्दी क्लीयरेंस दिलाने के लिए मानक परिचालन प्रकिया लागू की जा सकती है। निर्यातकों ने कई अन्य उपाय किए जाने की भी मांग की है। इसमें गैर-बासमती चावल और कपड़ा जैसे क्षेत्रों के लिए भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) का लाभ देना शामिल है।