शुक्रवार 6 सितंबर 2019 नई दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से ऐसा कोई भी कदम उठाने से मना किया है, जिससे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को वित्तीय तौर पर घाटा पहुंचे। न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी दिल्ली सरकार को फेज-चार के मेट्रो निर्माण के लिए जमीन की लागत को लेकर राहत देते हुए की। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि दिल्ली मेट्रो के फेज-चार के लिए भूमि की लागत का 50 प्रतिशत केंद्र को वहन करना होगा। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मेट्रो ने अब तक किसी भी तरह के वित्तीय घाटे का सामना नहीं किया है और संभावना है कि भविष्य में भी उसे कोई नुकसान नहीं होगा। हालांकि, अदालत ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि वह जनता के पैसे का सही इस्तेमाल करे।। .12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो के 104-किलोमीटर के फेस-चार परियोजना पर काम शुरू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। इस मेट्रो के लिए जमीन का मुद्दा केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच झगड़े की वजह बन गई थी।