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Sunday, September 15, 2019

अयोध्या में बोले सुब्रमण्यम स्वामी, अगले एक साल में पीओके भी होगा भारत का हिस्सा !

रविवार 15 सितंबर 2019.                     आजादी के बाद सरदार पटेल ने सभी 603 रियासतों का एकीकरण कर नये भारत का निर्माण किया। संविधान निर्माण में 370 का प्रावधान भी एक बड़ी चूक थी। जल्द ही सारी समस्याएं समाप्त होंगी और एक वर्ष में पीओके भी भारत का हिस्सा हो जाएगा।



यह बातें राज्यसभा सांसद डॉ. सुसुब्रमण्यम स्वामी ने अवध विश्वविद्यालय में 24 वें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यान में कहीं। वह अनुच्छेद 370 पर विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा भारत में एक समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा रही है। इतिहासकार चीन को बौद्ध व भारत को हिन्दू राष्ट्र संबोधित करते आये हैं।उन्होंने कहा कि 600 साल के शासन काल में मुगलों ने हमें पस्त कर दिया। भारत बनाना है तो सही इतिहास जानना जरूरी है। आजाद भारत में अनुच्छेद 370 का विरोध डॉ. आंबेडकर ने भी किया था। 370 हटाने में कुछ भी गलत नहीं है।

उन्होंने कहा कि 35-ए को हटाने के लिए सिर्फ राष्ट्रपति के आदेश की आवश्यकता थी लेकिन कश्मीर को लेकर राजनीति होती रही पर अब पूरी दुनिया ने भारत के साथ है। पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र से भी खाली हाथ लौटना पड़ा। एक वर्ष के भीतर पीओके भी भारत का हिस्सा बन जायेगा। बलूचिस्तान भी मुक्त होकर भारत के साथ विलय चाहता है। भारत का नक्शा ठीक करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि 1950 में भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल करने के लिए रूजवेल्ट ने भारत का समर्थन किया।




'चिदंबरम के बाद अब सोनिया गांधी व शशि थरूर का नंबर'


इससे पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम तिहाड़ जेल में हैं अब सोनिया गांधी व शशि थरूर का नंबर है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पीएम मोदी कुशल प्रशासक हैं उनके प्रहार से पाकिस्तान डरा हुआ है। मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्री अमित शाह ने जिस बहादुरी से दोनों सदनों में अनुच्छेद 370 को समाप्त कराया वो अत्यंत प्रशंसनीय है।




'भरोसा है, राम मंदिर के पक्ष में आएगा फैसला'


हमें भरोसा है कि राम मंदिर के प्रति हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाएगा। स्वामी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड यहां मस्जिद के प्रति आस्था की बात नहीं करता, वह कहता है ये जमीन हमारी है, हम उसके ठेकेदार हैं।

, सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर देश के सारे मुसलमानों की इच्छा है कि ये जमीन हिंदुओं को राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। पूरा विवाद सिर्फ गर्भगृह की 2.77 एकड़ जमीन को लेकर है, इसके अलावा सरकार द्वारा अधिगृहीत की गई 67.4 एकड़ जमीन पर कोई विवाद नहीं है। ये केंद्र सरकार के पास है वह इस पर जल्द ही मंदिर निर्माण कराने जा रही है। कहा कि ये फैसला पिछली सरकार में हो सकता था लेकिन हमने संयम बरता।




 




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