अंधविश्वास का जहर घोल रहे सीरियल, पढ़ाई में तेज होने के लिए 9 साल की छात्रा ने लगा ली आग  मंगलवार 10 सितंबर 2019  - मानवी मीडिया

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Tuesday, September 10, 2019

अंधविश्वास का जहर घोल रहे सीरियल, पढ़ाई में तेज होने के लिए 9 साल की छात्रा ने लगा ली आग  मंगलवार 10 सितंबर 2019 


वाराणसी सीरियल किस तरह आज के आधुनिक समाज में भी अंधविश्वास का जहर घोल रहे हैं, इसका ताज़ा उदाहरण उत्तर प्रदेश के भदोही में देखने को मिला है। यहां पर कक्षा तीन की एक छात्रा ने स्कूल के बाथरूम में खुद को केरोसीन डालकर आग लगा ली। जिंदगी और मौत से जूझ रही मासूम की उम्र मात्र 9 साल है, जिसे यह भी पता नहीं कि आत्महत्या क्या होती है? लेकिन इस मासूम ने 24 घंटे पहले ही खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। वो भी सिर्फ इसलिए कि वह पढ़ने में तेज बनना चाहती थी।





चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे वाराणसी रेफर कर दिया। औराई सीओ लेखराज सिंह और बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार ने अस्पताल जाकर छात्रा का बयान दर्ज किया। उसने पुलिस को बताया कि टीवी पर तंत्र-मंत्र से जुड़ा एक सीरियल देखकर उसने खुद को आग लगाई है। स्कूल के वाइस प्रिंसिपल एंजेल मैथ्यू ने कहा कि छात्रा पढ़ाई में होनहार है। वह हमेशा क्लास में प्रथम या द्वितीय रैंक प्राप्त करती रही है। वह घर से आने के बाद सीधे टॉयलेट में चली गई और आग लगा ली। वह घर से ही बैग में केरोसिन और माचिस लेकर आई थी। एसपी ने बताया कि बच्ची ने टीवी पर तंत्र-मंत्र से जुड़ा सीरियल देखकर नादानी में ऐसा कदम उठा लिया। उसका इलाज वाराणसी में चल रहा है। अब खतरे से बाहर है।बच्ची के पिता ने बताया कि वह एक टीवी सीरियल से प्रभावित थी, जिसे रोज वो देखा करती थी। कभी मोबाइल पर तो कभी टीवी पर। उस सीरियल का नाम 'लाल इश्क' है। उन्होंने बताया कि एक दिन इस सीरियल के एक एपिसोड में दिखाया गया कि एक बच्चा तंत्र-मंत्र करता है और उसके बाद वो खुद को आग लगा लेता है। बच्चा आग लगाने के बाद बच जाता है और फिर पढ़ने में तेज़ हो जाता है। इस सीरियल को देखने के बाद इस मासूम ने वही दोहराया, वो भी अपने स्कूल में। यहां उसने स्कूल के बाथरूम में खुद को आग लगा ली।


घर से तेल लेकर आई थी छात्रा : प्रिंसिपल
कबीरचौरा अस्पताल में मौजूद स्कूल के प्रिंसिपल मैथ्यू जेके से जब घटना के बाबत पूछा गया कि छात्रा के पास मिट्टी का तेल और माचिस कैसे पहुंचा तो उन्होंने बताया कि श्रेयांशी घर से ही मिट्टी का तेल और माचिस लेकर आई थी। स्कूल में कहीं पर भी ज्वलनशील पदार्थ नहीं रखा जाता है।
मां बोली, बेटी मिट्टी तेल लेकर नहीं गई
छात्रा की मां का कहना है कि बेटी का बैग वह अपने हाथों से तैयार करती हैं। घर से मिट्टी का तेल लेकर स्कूल जा ही नहीं सकती। घटना के वक्त मौके पर मौजूद छोटे भाई ने बताया कि उसकी बहन ऑटो से उतरकर स्कूल के अंदर गई और क्लास रूम में न जाकर सीधे बाथरूम में गई, इस दौरान वह बाहर खड़ा था। कुछ देर बाद छात्रा बाथरूम से बाहर निकली और दोबारा बाथरूम में चली गई, जिसके बाद वह शोर मचाने लगी।।                                 टीवी कहानी को सच मान लेते हैं बच्चे


इस घटना से सभी लोग हैरान हैं। मनोचिकित्सक एमके सिंह कहते हैं कि समाज में मोबाइल और टीवी बच्चों पर खासा असर डाल रहे हैं। बच्चे जो टीवी और मोबाइल में देखते हैं, उसे सच मान लेते हैं और वही दोहराने लगते हैं। इसमें अभिभावकों को विशेष ध्यान देना पड़ता है क्योंकि आज के समय में अभिभावक बच्चों को खुद मोबाइल थमा देते हैं, लेकिन ध्यान नही देते। अभिभावकों की यही लापरवाही कई बार घातक बन जाती है। 




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