अब फ्लैट खरीदारों का सपना होगा जल्द पूरा, अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए सरकार देगी फंड शनिवार 14 सितंबर 2019 - मानवी मीडिया

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Saturday, September 14, 2019

अब फ्लैट खरीदारों का सपना होगा जल्द पूरा, अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए सरकार देगी फंड शनिवार 14 सितंबर 2019


नई दिल्ली भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मंदी के प्रभाव से निपटने लिए सरकार ने आज निर्यात और रियलटी बाजार को बड़ा पैकेज देते हुए निर्यातकों को राहत देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए छूट देने तथा आवासीय क्षेत्र के लिए लगभग 20 हजार करोड रुपए का कोष बनाने की घोषणा की। रियल एस्टेट सेक्टर में आर्थिक सुस्ती दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई बड़े ऐलान किए। 





उन्होंने बताया कि सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये का फंड उन अधूरे प्रोजेक्ट को देने की घोषणा की है, जिनमें 60 फीसदी काम हो चुका है। हालांकि इसमें शर्त यह होगी वह प्रोजेक्ट नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए न हो। इसके अलावा उन प्रोजेक्ट्स को भी यह फंड नहीं मिलेगा जिनका मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) के पास पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इससे 3.5 लाख घरों को फायदा मिलेगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं और इन्हें लागू करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार नीति 2015-20 में घोषित की गयी 'बाजार आधारित निर्यात छूट योजनाÓ (एमईआईएस) को वापस लेने का फैसला किया गया है और इसके स्थान पर नई योजना 'रिमिशन ऑफ डयूटीज - टेक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट' (रोडटेप))लागू होगी।उन्होंने कहा कि एमईआईएस तथा अन्य योजनाओं का लाभ निर्यातकों को इस वर्ष 31 दिसंबर तक मिलता रहेगा। अगले वर्ष एक जनवरी से नई योजना लागू हो जाएगी। नई योजना में दो प्रतिशत तक की छूट कपडा और हस्तशिल्प के अलावा अन्य निर्यातित वस्तुओं पर भी मिलेगी। इससे सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपए का भार पडऩे का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किफायती और मध्यम वर्ग आयवर्ग के मकानों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस क्षेत्र के लिए एक विशेष व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। सरकार का ध्यान अधूरी निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने पर है। इसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपए के एक कोष का निर्माण करेगी जिसमें इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी। इस तरह से इस कोष में 20 हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध होगी।




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