नई दिल्ली आपका मोबाइल नंबर 10 की बजाय 11 अंकों का हो सकता है। ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि बढ़ती जनसंख्या के कारण मोबाइल कंपनियों को नए कनेक्शन जारी करने में दिक्कत आ रही है। ट्राई ने लोगों से अपने सुझाव जानने के लिए इनवाइट किया है। दरअसल ट्राई ऐसे कई विकल्प परखना भी चाहता है और इसमें मोबाइल नंबरिंग सिस्टम को बदलना भी शामिल है। ट्राई की मानें तो देश में टेलीकॉम कनेक्शन को लेकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने में 2050 तक का समय लगेगा। साथ ही 260 करोड़ अंकों की भी जरूरत होगी। इस वजह से ट्राई फोन के अंकों की संख्या में बढ़ोतरी कर सकता है। वहीं, फिलहाल देश के पास नौ, सात और आठ नंबर से शुरू होने वाले 10 अंकों के मोबाइल नंबर्स की क्षमता 210 करोड़ कनेक्शन्स की हैं। इसके अलावा ट्राई ने इस मुद्दे पर लोगों से उनकी राय भी मांगी है।इसके पहले 2003 में टेलीकॉम विभाग ने नंबरों को लेकर नेशनल नंबरिंग प्लान में भारी फेरबदल किया था, उस वक्त कुल 75 करोड़ नंबरों के लिए योजना तैयार की गई थी. तब यह माना गया था कि 2030 तक इसके आधे नंबर ही अमल में लाए जा सकेंगे। यही नहीं, तब टेली घनत्व में 2030 तक वृद्धि दर 50 फीसदी ही आंकी गई थी. यह अलग बात है कि 2009 में ही यह दर हासिल कर ली गई।