नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह से जुड़े ऐतिहासिक पल के 8000 से ज्यादा देसी-विदेशी मेहमान साक्षी बने। इनमें 14 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, छह दर्जन से अधिक देशों के राजदूत व उच्चायुक्त और देश भर के साधारण से गणमान्य लोग सभी उपस्थित थे।
पहले कार्यकाल में उनकी मां हीराबेन कुछ दिनों तक लोककल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास में रुकी थीं। खुद पीएम ने इस आशय का खुलासा करते हुए कहा कि मेरी व्यस्तता के कारण मां को यहां मन नहीं लगा। हालांकि पीएम जब भी गुजरात जाते हैं तब अपनी मां और परिजनों से मिलना नहीं भूलते।
प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात में बड़ा परिवार है। सबसे बड़े भाई सोमनाथ मोदी वडनगर में वृद्धाश्रम चलाते हैं। अहमदाबाद के घाटलोदिया में रहने वाले दूसरे बड़े भाई अमृत मोदी एक निजी कंपनी में फिटर हैं। छोटे भाई प्रहलाद मोदी की गल्ले की दुकान है। बहन बसंती बेन है। इनका भरापूरा परिवार है।
पीएम मोदी को भाइयों के बेटे-बेटियों से बेहद लगाव है। बहन हर रक्षा बंधन में राखी बांधती है। बड़े त्योहारों या किसी सरकारी आयोजन में गुजरात दौरे के क्रम में ही मोदी अपने परिजनों से मिलते हैं।
मगर इस बार भी उन्होंने अपने परिजनों को शपथ समारोह में नहीं बुलाया। हालांकि इस पर परिजनों को कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि मोदी की बहन बसंती बेन ने कहा कि उनका जीवन राष्ट्र को समर्पित है।. दरअसल गुजरात में करीब डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री रहते और पिछले पांच साल से पीएम रहते मोदी ने अपने सरकारी आवास और सरकारी आयोजनों से परिवार के सदस्यों को हमेशा दूर ही रखा। सीएम आवास की तरह ही पीएम आवास में भी मोदी अकेले ही रहते हैं।
पहले कार्यकाल में उनकी मां हीराबेन कुछ दिनों तक लोककल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास में रुकी थीं। खुद पीएम ने इस आशय का खुलासा करते हुए कहा कि मेरी व्यस्तता के कारण मां को यहां मन नहीं लगा। हालांकि पीएम जब भी गुजरात जाते हैं तब अपनी मां और परिजनों से मिलना नहीं भूलते।
प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात में बड़ा परिवार है। सबसे बड़े भाई सोमनाथ मोदी वडनगर में वृद्धाश्रम चलाते हैं। अहमदाबाद के घाटलोदिया में रहने वाले दूसरे बड़े भाई अमृत मोदी एक निजी कंपनी में फिटर हैं। छोटे भाई प्रहलाद मोदी की गल्ले की दुकान है। बहन बसंती बेन है। इनका भरापूरा परिवार है।
पीएम मोदी को भाइयों के बेटे-बेटियों से बेहद लगाव है। बहन हर रक्षा बंधन में राखी बांधती है। बड़े त्योहारों या किसी सरकारी आयोजन में गुजरात दौरे के क्रम में ही मोदी अपने परिजनों से मिलते हैं।