चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न केस में अब नया मोड़ आ गया है। केस की सुनवाई को लेकर साथी जजों के बीच ही मतभेद उभर आए हैं। जस्टिस डी।वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरीमन ने इनहाउस जांच कमेटी से आपत्ति जताई है कि शिकायतकर्ता महिला के बगैर सुनवाई उचित नहीं है।
दोनों जजों ने शुक्रवार शाम जस्टिस एस।ए बोबड़े, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी वाली इनहाउस जांच कमेटी से मुलाकात कर कहा है कि एकतरफा सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की छवि पर असर पड़ेगा। लिहाजा, या तो शिकायतकर्ता महिला की मांग के मुताबिक उसे वकील के जरिए अपनी बात कहने की इजाजत दी जाए या फिर किसी न्यायविद् को अमाइकस क्यूरी बनाए।
सीजेआई के खिलाफ लगे आरोप की जांच के लिए बनी इनहाउस कमेटी की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट में नम्बर दो जज जस्टिस एस।ए बोबड़े कर रहे हैं और बाकी दो सदस्य महिला जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी हैं। वहीं, जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के जजों के वरिष्ठता सूची में दसवें नम्बर पर हैं, जिन्होंने जस्टिस नरीमन के साथ मिलकर इनहाउस कमेटी के सामने यह आपत्ति रखी है।