रेलवे सी टी एम की नाक के नीचे स्टाल धारक के अवैध वेंडरो की जमात रनिंग काम को देती अंजाम May 6, 2019 - मानवी मीडिया

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Monday, May 6, 2019

रेलवे सी टी एम की नाक के नीचे स्टाल धारक के अवैध वेंडरो की जमात रनिंग काम को देती अंजाम May 6, 2019


 


 





कानपुर 05 मई 2019 नदीम सिद्दीकी
रेलवे विभाग को यू ही नही सोने की मुर्गी कहा जाता है हर कोई चौगुनी कमाई के चक्कर मे जोर आजमाइश कर जुगत भिड़ाने में लगा हुआ है कमाई के चक्कर मे विभागीय अधिकारी भी अपने सीनियरों को गुमराह करके अवैध कार्य करने वालो को फायदा पहुचा रहे है इसी का फायदा उठाकर अधिकृत कार्य करने वाले भी अवैध वेंडरो की लंबी चौड़ी टीम के साथ मोटी कमाई में लगे हुए है रेलवे के नुकसान से उन्हें कोई लेना देना नही है


बताना चाहेंगे कानपुर सेंट्रल रेलवे मे सी टी एम जितेंद्र कुमार की नाक के नीचे प्लेटफार्म न0 5 पर अधिकृत ठेका लिए इलियास नामक स्टाल धारक कमाई के लालच में अवैध वेंडरो की टीम द्वारा प्लेटफार्म व ट्रेनों पर अवैध पानी समोसा व चाय की बिक्री करवा रहा है इसके अलावा लम्वे रूट की बिना पेंट्रीकार की ट्रेनों पर वेंडरो द्वारा माल चढवाकर रनिंग में महंगे दामो पर माल की बिक्री करवा रहा है पूछे जाने पर वेंडरो का हेड कहता है उन सभी वेंडरो का मेडिकल है और हम सब वेंडर प्रयागराज से है कानपुर से हम लोग माल लादकर दिल्ली तक जाएंगे बिना पेंट्रीकार की ट्रेनों पर खाद्य पदार्थ बेचने की परमिशन है वेंडरो का कहना है मेडिकल व ट्रेनों में परमिशन की और जानकारी चाहिए तो खानपान निरीक्षक अशोक भैरवा से बात करो ये कहकर वेंडर बड़ी शान से अपने काम में लग जाते है


इलियास नामक ठेकेदार द्वारा खड़ा किया डमी ठेकेदार कमाई के चक्कर मे रेलवे के नियमो को ताक पर रखे हुए है नियम कहते है स्टाल पर 8 घण्टो में दो व्यक्ति ही डयूटी दे सकते है यानि चौबीस घण्टे में 6 व्यक्ति अलग अलग समय मे ड्यूटी देंगे वो भी वही दो व्यक्ति जिनका मेडिकल होगा लेकिन यहां पर इलियास नामक ठेकेदार ने अवैध वेंडरो की पूरी जमात खड़ी की हुई है मजे की बात तो ये है सी टी एम से लेकर किसी भी रेलवे के आलाधिकारी को ये अवैध कार्य करने व करवाने वाले नजर नही आते है जी आर पी व आर पी एफ को चोर उचक्के तो नजर आ जाते है परन्तु संरक्षण पाए वेंडर नजर नही आ रहे है कारण कारखासो के ठेकेदार है खासमखास वही जब उक्त मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आता है उन्हें भी गुमराह करके मामले को सुलटा दिया जाता है इसे कहते है बेईमानी का काम भी सबके साथ मिलकर ईमानदारी से करना


बहरहाल मामला कुछ भी हो अशोक भैरवा का संरक्षण पाए स्टाल धारकों पर सी टी एम जितेंद्र व रेलवे पुलिस ने सख्ती ना कि तो मेडिकल की आड़ लेकर धौस जमा रहे वेंडर घटिया पानी चाय व समोसा परोसकर यात्रियो की जेब एवं स्वास्थ्य पर डाका डालते रहेंगे जिसका सीधा फायदा रेलवे को ना होकर स्टाल संचालक को होता रहेगा


अगले अंक में हम आपको बताएंगे नियम के तहत रेलवे में क्या बिकना चाहिए क्या नही ?



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