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Friday, May 17, 2019

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की* *अब स्वागत करो सालेसाहब का जीजा के राज मे*

*कहानी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की*
*अब स्वागत करो सालेसाहब का जीजा के राज मे*
वाराणसी / लखनऊ 17 मई यह पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के जानपद (सिविल) डिवीजन के मुखिया के फरमान की है बाकी हमने पाठको को पिछले अंक मे होने वाले साले साहब के आवास के सौन्दर्यीकरण की हर पहलू से पाठको को अवगत कराया है पर पूरे हाईडिल कालोनी के आवास की जर्जरता को दरकिनार कर सिविल के EE द्वारा आवास 65 के सुन्दरीकरण पर सिविल मे कामकरने वाली सभी संस्था को आवास नम्बर 65 मे लगा कर वातानुकूलित यन्त्र , बागवानी जैसी सभी सुविधा से तैयार कराया गया है और हो भी क्यो न मामला साले साहब की सुविधाओ का है पर डिस्कॉम के गूँगे बहरे प्रशासन को और साले के जीजा को यह पता होना चाहिए कि इस सुन्दरी करण मे खर्च होने वाली धनराशि सरकार की है तो सवाल उठने लाजमी है और वर्तमान मे हाईडिल कालोनी का यह *टाईप B का65नम्बर आवास पुरे डिस्कॉम मे चर्चाओ की सुर्खियां बटोर रहा है जो आने वाले दिनो मे भ्रष्टाचार की एक और कड़ी जोड़ के देखा जायेगा मुझे तो इस जीजा साले की प्यार भरी दास्तान पर पुराने बुजुर्गो की एक सटीक कहावत है कि घर के पीछे नाला और जीजा का सहयोगी साला*
यह किसी के लिये शुभ नही है और यह कहानी भी आने वाले समय मे कोई बड़ा गुल खिलायेगी और यहाँ से भी भ्रष्टाचारियों की बरात जूतो की माला पहने शीघ्र ही निकलेगी क्यो कि सिविल के भ्रष्टाचार की कमाई , यही से लूटी हुई टी आई के साथ जिसने-जिसने आय से अधिक सम्पति बनाई इन सब के साक्ष्य बहुत जल्द ही प्रदेश के लोकायुक्त के सामने पेश होंने वाले हैऔर फिर वही होगा जैसे कि मध्याचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ मे बिजली उपकरण की गड़बड़ी में ये सात इंजीनियर निलंबित JE रंजीत कुमार 3 खंड करनैलगंज गोंडा , EE नीरज करनैलगंज गोंडा , अरुण कुमार यादव AE गौरीगंज सुल्तानपुर ,वरुण गांगुली AE जलालाबाद शाहजहाँपुर, AE आनंद कुमार सिंह नानपारा बहराइच , EE मनीष चौबे लेसा सीतापुर रोड खंड , EE राजेंद प्रताप सिंह शहरी खंड बरेली । इनमे रंजीत और नीरज को STF ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। उसी तरह से अतिशीध्र पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे भी भ्रष्टाचारियों की बारात निकलेगी । एक बात समझ मे नहीँ आ रही है कि इतने टेण्डर होते है पूरे पाँचों वितरण कम्पनियों में और सैकड़ों करोड़ों रुपये का काम भी होता है हजारों करोड़ का बजट भी आता है फिर भी ठेकेदारो को फण्ड की कमी बता कर भुगतान नहीं किया जा है जबकि हर टेण्डर का एप्रूवल प्रबंध निदेशक के द्वारा दिया जाता है और फिर उसके मद मे भुगतान करनें के लिये उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन से बराबर फण्ड मिलता भी रहता है तो फिर कार्यदाई संस्थाओ को अपने ही मेहनत का पैसा भीख की तरह से मागना पडता है जब की सभी को मालूम है कि यह फण्ड इन्हीं कार्यदाई सस्थानो को देने के लिये ही भेजा जाता है अगर कोई कम्पनी का आदमी अपने भुगतान मे हो रही देरी के लिए किसी के आगे रोना रोता है तो उसे यह भ्रष्टाचारी जिनका मुँह चाँदी के जूते से उस कार्यदायी संस्थान ने नहीं सुझाया होता है उस इन भ्रष्टाचारियों द्वारा धमकाया जाता है कि आगे यानि भविष्य मे कार्य करना है कि नहीँ या यह भी फण्ड टुकड़ों में मिलेगा इसी तरह से सालो की पेमन्टे रूकी रहती है जब यह बात हमारे यानि प्रगति यात्रा के संञान मे आयी तो हमाने इसकी पडताल शुरू की और फिर फण्ड के खेल का खुलासा हुआ कि कैसे नीचे से लेकर ऊपर तक सभी इस खेल मे कौन कौन शामिल होते है और कैसे इस कुबेर के मन्दिर के पुजारी सबको प्रशाद बाटते है और कैसे मध्याचल विद्युत वितरण में फण्ड का खेल खेला जाता है खैर यह तो अगले अंक का विषय है फिलहाल साले साहब ने अपने जीजा जी के द्वारा सुसज्जित मकान में गृह प्रवेश कर लिया है अब आगे देखना है जो पैसा इस घर की रंगाई पुताई और साज सज्जा मे लगा है उसका भुगतान कौन और कैसे करता है । हमारी नजर बराबर हो रहे भुगतानों पर लगी हुई है ।


 


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