सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा, 'पश्चिम बंगाल में हिंसा आम है, बिना किसी मुद्दे के कुछ लोग लड़ते हैं. कई बार केस दर्ज किए जाते और कई बार कुछ लोगों को बचाया जाता है.' जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा, 'जो लोग आगजनी और दंगों में लिप्त होते हैं वह किसी पार्टी के नहीं होते, वह लोग तो सत्ताधारी पार्टी में शामिल ही हिंसा करने के लिए होते हैं.'
दरअसल, अर्जुन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी से राहत की मांग की थी.अर्जुन सिंह ने अपनी याचिका में कहा था कल (23 मई) होने वाली मतगणना से दूर रखने के लिए गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.
आपको बता दें कि इससे पहले अर्जुन सिंह TMC विधायक थे. बैरकपुर से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. अर्जुन सिंह तृणमूल कांग्रेस के विधायक के साथ भाटपाड़ा नगरपालिका के चेयरमैन भी थे.
अर्जुन सिंह भाटपड़ा से लगातार चार बार विधायक थे. वह तृणमूल कांग्रेस के तेज तर्रार नेता के रूप में जाने जाते थे. इस बार वह बैरकपुर से लोकसभा का चुनाव लडऩा चाहते थे. तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें बैरकपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था इसलिए अर्जुन सिंह क्षुब्ध हुए और उसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे.