नई दिल्ली आज गूगल कलरफुल डूडल के जरिए लूसी विल्स के 131वें बर्थडे को सेलीब्रेट कर रहा - मानवी मीडिया

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Friday, May 10, 2019

नई दिल्ली आज गूगल कलरफुल डूडल के जरिए लूसी विल्स के 131वें बर्थडे को सेलीब्रेट कर रहा

है।गूगल ने डूडल में लूसी विल्स को लैबॉरिटी में काम करते दिखाया है। टेबल पर ब्रेड और चाय रखी है। लूसी विल्स डॉक्टर थीं, जो मूल रूप से इंग्लैंड की रहने वाली थीं। उनका जन्म 10 मई 1888 को हुआ था।


लूसी अंग्रेज हीमेटॉलजिस्ट हैं। लूसी को गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसवपूर्व एनीमिया से बचाने के उपाय की खोज के लिए जाना जाता है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड की महत्ता को लूसी विल्स ने ही साबित किया थाय़। अब फोलिक एसिड पूरी दुनिया में डॉक्टर्स प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। 







लूसी विल्स का जन्म 1888 में हुआ, उन्होंने अपनी पढ़ाई महिला विद्यालय से पूरी की। यह पहला बोर्डिंग स्कूल था, जहां महिला स्टूडेंट्स को विज्ञान और गणित की दी जाती थी। 1911 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से बोटनी और जूलॉजी में डिग्री हासिल की। 


लूसी विल्स भारत भी आ चुकी है. जहां से उन्होंने गर्भवती महिलाओं पर शोध किया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद लूसी भारत दौरे पर थीं। वो मुंबई की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में पहुंची। वहां काम करने वाली गर्भवती महिलाओं को हो रहे गंभीर अनीमिया की जांच के लिए आई थीं। उन्होंने पाया कि खराब आहार मिलने की वजह से ऐसा हो रहा है।


इसके बाद उन्होंने इस बीमारी से बचने के लिए शोध शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले एक्सपेरीमेंट चूहों और बंदरों पर किया। अनीमिया रोकने के लिए खाने में खमीर का प्रयोग किया, जहां उन्हें नेगेटिव परिणाम मिले। खाने में मिलाए खमीर एक्सट्रैक्ट को बाद में फॉलिक एसिड के नाम से जाना जाता है।


उनके इस एक्सपेरीमेंट को विल्स फैक्टर कहा जाता है। आज ये दवाई कई बीमारियों में इलाज के लिए काम में लाई जाती है। फोलिक एसिड आज गर्भवती महिलाओं के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।


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