मुख्यमंत्री श्री अखिलेश ने चुनाव में कार्यकर्ताओ की मेहनत को सराहा, कहा २०२२ की तैयारी में जुट जाएँ  22, मई बुधवार 2019 • - मानवी मीडिया

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Wednesday, May 22, 2019

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश ने चुनाव में कार्यकर्ताओ की मेहनत को सराहा, कहा २०२२ की तैयारी में जुट जाएँ  22, मई बुधवार 2019 •

लखनऊ 22 मई। मतदान के बाद नौजवानों को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सन् 2022 की तैयारी आज से ही करने में जुट जाये। भाजपा की जन विरोधी नीतियों से अवगत कराने का अभियान जोर शोर से चलाया जाना है। उन्होने राज्य की जनता का गठबन्धन पर भरोसा करने के लिए आभार जताया है।


समाजवादी पार्टी के डोर-टू-डोर अभियान के कार्यकर्ताओं की बैठक आज पार्टी मुख्यालय 19 विक्रमादित्य मार्ग लखनऊ में हुई। बैठक में विभिन्न विष्वविद्यालयों के सैकड़ों युवा नेता शामिल थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपाराज में जनता की हालत बहुत खराब है। सभी लोग परेशान है। भाजपा ने बेरोजगारी में वृृद्वि करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। किसान बदहाल है, उससे जो वादे किए गए, पूरे नहीं हुए हैं। महिलाएं असुरक्षित हैं। नोटबंदी और जीएसटी जैसे निर्णय ने पूरी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। व्यापारी समाज को असुविधा में फंसा दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने गठबन्धन समर्थकों को चुनावो से वंचित करने की साजिश रची, पर जनता का विश्वास गठबन्धन पर होने से वे विफल रहे। भाजपा की बदनामी गांव-गांव में है। अब महापरिवर्तन के लिए संघर्ष जारी रखना है। समाजवादी पार्टी के पास अपनी विचारधारा, सक्षम नेतृृत्व और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की फौज है, भाजपा जुमलेबाजी से लोगों को भटकाने-बहकाने के काम में माहिर है। इसलिए उनको जवाब देने के लिए समाजवादियों को रक्षात्मक रणनीति के बजाय आक्रामकता का रास्ता अपनाना होगा। युवा नेतृृत्व को वास्तविक तर्को से लैस रहना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को डोर-टू-डोर अभियान चलाने के लिए बधाई दी और कहा कि आपने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को जो गति दी वह सराहनीय है।
इस अवसर पर बैठक में उपस्थित नौजवानों ने समाजवादी सरकार के विकास कार्यो की प्रशंसा की और कहा कि अखिलेश यादव की सूझबूझ, शालीन व्यवहार दूरदर्शिता और जनसापेक्ष नीतियों के कारण जनता वैकल्पिक नेतृृत्व के रूप में उन पर भरोसा करती है। अखिलेश यादव ने जहां किसानों, गरीबांे, नौजवानों, श्रमिकों को प्रभावित किया है वहीं कालेजों, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, डाक्टरों, प्रोफेसरों, अधिवक्ताओं सभी को प्रभावित किया है।



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