लखनऊ। एमएलसी दिनेश सिंह की सदस्यता पर फैसला 27 मई को होगा। कांग्रेस ने उन्हें दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने के लिए सभापति के यहां याचिका दी है। इस पर सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को पत्र भेज दिया गया है।
दरअसल, कांग्रेस से एमएलसी दिनेश सिंह ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। वे रायबरेली से यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपा के प्रत्याशी भी हैं। कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह ने दिनेश की सदस्यता खत्म करने को विधान परिषद के सभापति के यहां याचिका दायर की है।
याचिका पर नियम-7 में उप्र. विधान परिषद सदस्य (दल परिवर्तन के आधार पर अयोग्यता) नियम-1987 के तहत सुनवाई होनी है। कांग्रेस ने यह अर्जी करीब 10 माह पूर्व दी थी।


सुनवाई न होने पर 25 अप्रैल को फिर अर्जी दी गई। इसमें कहा गया है कि 10 माह से ज्यादा हो चुका है, लेकिन न तो याचिका पर सुनवाई के लिए कोई तिथि दी गई और न ही फैसला सुनाया गया है।
यह ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व में दी गई व्यवस्था के खिलाफ है। अब प्रमुख सचिव, विधान परिषद डॉ. राजेश सिंह ने मूल याची दीपक सिंह और प्रतिपक्षी दिनेश सिंह दोनों को सुनवाई के लिए पत्र भेजा है। दोनों को 27 मई को दोपहर एक बजे सभापति, विधान परिषद के कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।


सूत्रों के मुताबिक दिनेश ने असंबद्ध घोषित होने से पहले ही भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा है। इसलिए उनकी सदस्यता जाना तय है। हालांकि, अंतिम निर्णय सभापति का ही मान्य होगा।