योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर कहा कि जब वह मायावती के साथ मंच पर बैठते हैं तो उन्हें छोटी कुर्सी पर बैठना पड़ता है। जबकि मायावती बड़ी कुर्सी पर बैठती हैं। जब अखिलेश, मायावती से मिलने जाते हैं तब उन्हें जूते कमरे के बाहर उतारने को कहा जाता है। यही उनकी (अखिलेश) की गठबंधन में हैसियत है।
सीएम योगी ने कहा कि अमेठी की जनता समझ रही है कि कांग्रेस इस सीट पर हार रही है। वहीं रायबरेली में अंतत: भाजपा की ही जीत होगी। उन्होंने कहा कि जनता को भाजपा से काफी उम्मीद है। कांग्रेस की चार पीढ़ी ने अमेठी और रायबरेली की जनता को निराश किया है।
योगी ने कहा कि स्मृति ईरानी को अमेठी में समर्थन मिल रहा है। राहुल गांधी जो 15 साल में नहीं कर पाए वह स्मृति ने पांच साल में कर के दिखा दिया। अमेठी के लोग एक मौका चाहते हैं और स्मृति उसके लिए बेहतर है।
प्रियंका गांधी वाड्रा के सपा के साथ मंच शेयर करने के सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बसपा-सपा ने अमेठी और रायबरेली में किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा है। ये सभी पार्टियां वोट कटवा का रोल अदा कर रही हैं। ये वोट काटने के लिए चुनाव लड़ रही है न कि जीतने के लिए।
संभल में एक रैली में बाबर की औलाद बयान पर नोटिस मिलने पर योगी ने कहा, आपसी बातचीत को कहीं कोट करना आचार संहिता में नहीं आता है। कोई भजन करने के लिए जाता है क्या मंच पर? उखाड़ देने के लिए या अपने विरोधी को घेरने के लिए मंच पर जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष 2014 का लोकसभा चुनाव हार चुकी हैं। वे 2017 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। 2019 और 2024 का लोकसभा चुनाव भी हारेंगे।