सोलहवीं लोकसभा भंग होते ही विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक और तीन तलाक पर रोक लगाने वाला विधेयक निरस्त हो गया। विपक्ष के विरोध के चलते दोनों विधेयक संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा से पास नहीं हो सके थे। ट्रिपल तलाक के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार ने अध्यादेश लाया था।
राज्यसभा में मोदी सरकार का बहुमत नहीं होने की वजह से संसद के आखिरी बजट सत्र में दोनों विधेयक राज्यसभा में लंबित थे। बताते चलें कि राज्यसभा में पेश किया गया विधेयक अगर लंबित है तो यह निरस्त नहीं होता, जबकि लोकसभा से पास विधेयक अगर राज्यसभा में लंबित है तो लोकसभा भंग होते ही विधेयक अपने आप निरस्त हो जाता है।
विपक्ष को दोनों विधेयकों के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति थी, जिसे वह हटवाना चाहता था, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी। राज्यसभा में संख्या बल नहीं होने की वजह से दोनों लंबित विधेयक लोकसभा भंग होने के बाद निरस्त हो गए।