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Wednesday, May 1, 2019

कुपोषित गांव में कैम्प लगाकर कुपोषित बच्चों व महिलाओं को लाभान्वित किया जाए-जिलाधिकारी

 



सहारनपुर।जिलाधिकारी श्री आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत चयनित ग्रामों को निर्धारित समय सीमा के अन्दर सुपोषित गांव बनाने के लिए जिला पोषण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी संबंधित अधिकारियों को कहा है कि प्रदेश में व्याप्त कुपोषण की दरों में कमी लाने हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 25 अगस्त 2018 को पोषण अभियान का शुभारम्भ किया गया। पोषण अभियान का मुख्य उददेश्य जन्म के समय कम वजन, बच्चों में व्याप्त कुपोषण व सभी आयु वर्गों में एनीमिया की दरों में कमी लाना है।
उन्होने कहा कि कुपोषण के परिदृश्य महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की रोकथाम मल्टी सेक्टोरल एप्रेाच से ही सम्भव है। इस हेतु पूर्व में ही 06 विभागांे के मध्य कन्वर्जेन्स का शासनादेश प्रेषित किया गया है, जिसके अन्तर्गत पेाषण विशिष्ट (गर्भावस्था के दौरान देख-भाल, स्तनपान, एनीमिया, कुपोषित बच्चों/सैम/मैम बच्चों की देख-भाल) तथा पोषण संवेदनशील (स्वच्छता, रोजगार, अतिरिक्त खाद्य पदार्थ) को समाहित किया गया है। उन्होने कुपोषित गांव में मनरेगा योजना के तहत कुपोषित बच्चों के माता-पिता को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी0एस0सोढी को कुपोषित गांव में कैम्प लगाकर टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच में तेजी लाने के निर्देश दिये



आई0सी0डी0एस0, स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, शिक्षा, पंचायती राज तथा खाद्य रसद विभाग को समन्वय बनाकर कुपोषित गांव को सुपेाषित करने पर तेजी लाने के निर्देश-बेहतर परिणाम देने वाले नोडल अधिकारी पुरस्कृत होंगे।सभी लोक कल्याण मित्रों भी अपने ब्लाकों के संबंधित कुपोषित गांव में जाकर कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं को चिन्हित करते हुए उन्हे लाभान्वित करें



है। ग्राम्य विकास विभाग के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी को शौचालय निर्माण व गांव में साफ-सफाई पर विशेष जोर देने की बात कही है। उन्होने कुपोषित गांव में शिक्षा, बाल विकास परियोजना विभाग एवं सभी संबंधित विभाग को भी सक्रिय रहते हुए कुपोषित बच्चों को उन्हे हर दी जाने वाली सहायता में गति लाने के निर्देश दिये है। जिला पूर्ति विभाग को कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए उनके अभिभावकों का राशन कार्ड बनाने व खाद्य सामग्री प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है।
जिलाधिकारी ने सभी नोडल अधिकारियों को गोद लिये ग्रामों मे जाकर कुपोषित बच्चों का सत्यापन करने व उन्हे दी जाने वाली सुविधाओं से वाकिफ होते हुए अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि यह राज्य सरकार की बहुत महत्वपूर्ण स्कीम है। जनपद में जून के अन्तिम सप्ताह में कुपोषण की रोकथाम करते हुए सुपोषित गांव बनाना है। उन्होने कहा कि उनके द्वारा आगामी 15 दिन के भीतर फिर से समीक्षा की जायेगी। सभी संबंधित अधिकारी गोद लिये दो-दो ग्रामों का फिर से भ्रमण कर लें। बेहतर परिणाम देने वाले नोडल अधिकारी पुरस्कृत होंगे। उन्होनें सभी लोक कल्याण मित्रों को भी अपने ब्लाकों के संबंधित कुपोषित गांव में जाकर कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं को चिन्हित करते हुए उन्हे लाभान्वित करने के निर्देश दिये है।
उन्होने जिला कार्यक्रम अधिकारी को नाहिर परवेज को सभी अधिकारियों को जनपद के कुपोषित 94 गांव की सूची उपलब्ध कराने व इनके द्वारा किये गये भ्रमण की अद्यतन रिर्पोट 10 दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। उन्होनें कहा कि जिला प्रशासन कुपोषण तथा एनीमिया की दर में कमी लाने हेतु कृत संकल्प है। सुपोषित गांव की प्रगति को कुल 100 अकों के आधार पर मापा जायेगा। सुपोषित गांव का राजस्व गांव व ख्ुाले में शौच मुक्त होना अनिवार्य है। सभी नोडल अधिकारी सत्यापन हेतु अधिक से अधिक परिवारों से मिलकर सुविधाओं की जानकारी लें व कार्यकत्री की दैनिक डायरी भी देखें। गतिविधियों के सत्यापन हेतु आंगनबाडी रजिस्टर देखें। उन्होने आई0सी0डी0एस0, स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, शिक्षा, पंचायती राज तथा खाद्य रसद विभाग को समन्वय बनाकर कुपोषित गांव को सुपेाषित करने पर बल दिया है।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी प्रणय सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0बी0एस0 सोढी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी मनीष कुमार, जिला विकास अधिकारी मंशा राम यादव एवं सहायक निदेशक सूचना सुधीर कुमार आदि मौजूद रहे।


 

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