हाईकोर्ट का यूपी में चल रहे सभी रेड लाइट एरिया बंद करने का आदेश, जारी किया कई अधिकारियों के निलंबन का फरमान - मानवी मीडिया

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Wednesday, May 1, 2019

हाईकोर्ट का यूपी में चल रहे सभी रेड लाइट एरिया बंद करने का आदेश, जारी किया कई अधिकारियों के निलंबन का फरमान




इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ समेत यूपी के सभी जिलों में चल रहे रेड लाइट एरिया बंद करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कबाड़ी बाजार मेरठ के मामले में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने को लेकर सख्त कार्रवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। यही नहीं हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामले में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने वाले अधिकारियों के निलंबन का भी आदेश दिया है। 

मेरठ में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सीओ संजीव देशवाल और जिला उद्धार अधिकारी ने झूठे शपथ पत्र दाखिल किए थे। कबाड़ी बाजार इलाके में 52 भवनों में करीब 75 से ज्यादा कोठे संचालित किए जा रहे हैं। इन कोठों पर देह व्यापार होने की बात कहते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की हुई थी। 


इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दाखिल हलफनामे पर सख्त रुख अपनाकर 30 अप्रैल को रिपोर्ट दाखिल करने के साथ ही शासन को दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए।





अधिकारियों की ओर से कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया गया था कि रेड लाइट एरिया बंद कराया गया और अब देह व्यापार नहीं चल रहा है। जिस पर हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने रिपोर्ट झूठी बता दी।अधिवक्ता सुनील चौधरी की याचिका पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है।

सुनील चौधरी ने अधिकारियों के बयान का विरोध करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट है कि रेड लाइट एरिया में बाहर से दरवाजों पर ताला लगा दिया गया है। लेकिन भीतर लड़कियां मौजूद हैं और कोठे बाकायदा संचालित किए जा रहे हैं।


हलफनामा में इसका जिक्र नहीं 
अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि आरटीआई और आईजीआरएस के तहत बताया गया कि मेरठ सीएमओ कार्यालय से रेडलाइट एरिया में 20 हजार कंडोम वितरित किए हैं। छह देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को एचआईवी पॉजीटिव और सात की मौत होना बताया।


इन सभी को पुलिस, प्रशासन व सीएमओ के हलफनामे में इसका जिक्र तक नहीं किया। अधिकारियों के हलफनामे में अधिवक्ता ने कई सवाल किए, उसका जवाब अधिकारी नहीं दे पाए। जिसके बाद हाईकोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि उनके हलफनामे से असंतुष्ट हैं। 






पिछले पांच साल में एएचटीयू की कार्रवाई के आंकड़े ही बताने के लिए काफी हैं कि यहां अलग-अलग राज्यों से बेटियों को लेकर बेचा जाता है। यूपी, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, नेपाल की लड़कियां कोठों से बरामद की हैं। जबकि अनैतिक देह व्यापार के आरोपी में कोठा संचालिका और ग्राहक भी गिरफ्तार कर जेल भेजे गये।

दिल्ली से लाकर बेचा जाता है
एएचटीयू के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार कुमार का कहना है कि पुलिस पूर्व में लगातार कार्रवाई करती रही है। जांच पड़ताल में यही सामने आता था कि लड़कियों को अपहरण कर पहले दिल्ली में कोठों पर बेचा जाता है उसके बाद अलग अलग स्थानों पर भेजा जाता है। वहीं कोर्ट के सख्त रवैये के बाद मेरठ के कबाड़ी बाजार मामले में विभागों का आपसी समन्वय न होने और झूठे शपथ पत्रों के कारण पुलिस-प्रशासन की हाईकोर्ट में खासी किरकिरी हुई है।





पलायन कर चुके हैं कई परिवार 
कबाड़ी बाजार व्यापारिक इलाका है। यहां मिश्रित आबादी है। शपथ पत्र में साल 2009 से मेरठ में रेड लाइट एरिया चलाना बताया गया है। तब से यहां से कई संभ्रात परिवार पलायन करके जा चुके हैं। यहां पर लोगों को इसका दंश झेलना पड़ता है। कई व्यापारियों के कारोबार पर भी फर्क पड़ा है। 



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