लोकसभा चुनाव- 2019 में दिल्ली की सातों (नई दिल्ली-मीनाक्षी लेखी, दक्षिणी दिल्ली-रमेश बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली-प्रवेश वर्मा, उत्तर पूर्वी दिल्ली-मनोज तिवारी, उत्तर पश्चिमी दिल्ली- हंस राज हंस, पूर्वी दिल्ली- गौतम गंभीर और चांदनी चौक- हर्ष वर्धन ) सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है।
शनिवार दोपहर सभी जीते उम्मीदवारों मनोज तिवारी (उत्तर पूर्वी दिल्ली), हंस राज हंस (उत्तर पश्चिमी दिल्ली), गौतम गंभीर (पूर्वी दिल्ली) और प्रवेश वर्मा (पश्चिमी दिल्ली) ने पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता की।
इस दौरान पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद चुने गए गौतम गंभीर सर्वाधिक मुखर दिखे। पत्रकार वार्ता में उन्होंने दिल्ली के सीएम पर निशाना साधा। पर्चा विवाद पर उन्होंने कहा- 'जब मेरे ऊपर आरोप लगाया गया था उस समय में राजनीति में 15 दिन पुराना था और आज एक माह पुराना हूं। आज मुख्यमंत्री से बोलना चाहता हूं कि चुनाव हार जाना बड़ी बात नहीं है, लेकिन जमीर हार जाने के बाद कुछ नहीं बचता है। मेरी दो बेटियां, पत्नी और मां हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुझपर घटिया आरोप लगाए गए थे।'
गौतम गंभीर ने यह भी कहा कि यह देश नाकारात्मक राजनीति से दूर जा चुका है। लोग देश की बेहतरी और विकास के लिए काम चाहते हैं। अब मेरे पास पूर्वी दिल्ली के लोगों के विश्वास को पूरा करने की चुनौती। मैं झूठे वादे नहीं करूंगा। दिल्ली को पेरिस और लंदन नहीं, बल्कि लोगों महिलाओं के रहने लायक दिल्ली बनाने के लिए काम करना है।
वहीं, प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली देश का मूड बताता है। सभी राज्य, जिलों, धर्म व संस्कृति के लोग रहते हैं। इस चुनाव में जाति, धर्म व क्षेत्र की बात नहीं आई। सामने वाली पार्टी ने जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। दिल्ली का विकास तभी सफल होगा जब केंद्र से लेकर राज्य और निगम तक एक ही पार्टी की सरकार हो। केजरीवाल अपनी नाकामी छिपाने के लिए पीएम और एलजी पर काम नहीं करने देने का आरोप लगाते रहे। प्रधानमंत्री को जितने देशों से पुरस्कार मिले उतने देशों के नाम भी राहुल गांधी को मालूम नहीं होगा। उत्तर पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद चुने गए हंस राज हंस ने कहा कि दिल्ली के लिए सबसे नया और कमजोर उम्मीदवार था। जब लोग बोलते थे एक सीट फंस गई है तो हमें लगता था मैं ही फंस गया हूं, लेकिन सातों उम्मीदवार बड़े अंतर से जीत गए हैं।