डॉक्टर या आशा कार्यों में रुचि ना लेते हो तो उनको हटाने का तत्काल प्रस्ताव तैयार करें: जिलाधिकारी      मई 27, 2019 - मानवी मीडिया

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Monday, May 27, 2019

डॉक्टर या आशा कार्यों में रुचि ना लेते हो तो उनको हटाने का तत्काल प्रस्ताव तैयार करें: जिलाधिकारी      मई 27, 2019

 


अयोध्या:-  चालू वित्तीय वर्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की द्वितीय बैठक मंे जिलाधिकारी श्री अनुज कुमार झा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी संविदा कर्मी डाक्टर या आशा, जो कार्य न कर रहे हो, संतोषजनक परफार्मेन्स न दे रहेा हो कार्यो में रूचि न लेते हो अपने उच्चाधिकारियो ं के आदेशो की अवहेलना करते हो, दिये गये लक्ष्य को पूरा न कर रहे हो उनको हटाने का तत्काल प्रस्ताव तैयार किया जाए, किसी के भी दबाव को न सुने।
उन्होनंे बैठक में कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को तत्काल प्रभाव से किसी भी विभाग का कार्य आवंटन न करने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द को दिया। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार से जो भी बजट प्राप्त हुए उनका उपयोग शत प्रतिशत सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना बना लें। उन्होनें कहा कि शासन द्वारा चिकित्सा विभाग को जो धनराशि आवंटित की जाती है वह बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के कल्याण के लिए होती है। अतः आवंटित धनराशि का अधिकतम लाभ अस्वस्थ व्यक्ति को मिलना चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए। संस्थागत प्रसव मे गिरावट को देखते हुए जिलाधिकारी ने गहरी नराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग का इतना बड़ा तंत्र है, ग्रामीण क्षेत्र से लेकर जिले तक ईकाईया कार्य कर रही है फिर भी संस्थागत प्रसव में गिरावट आ रही है विगत वर्ष की तुलना में माह अपै्रल में 73 संस्थागत कम हुए है अपै्रल 18 में 1480 संस्थागत प्रसव हुए थे तो अपै्रल 19 में 1407 संस्थागत प्रसव कराये गये जबकि केन्द्र व प्रदेश सरकार का प्रयास है  कि जच्चा बच्चा की पूर्ण सुरक्षा के दृष्टिगत संस्थागत प्रसव कराये जाए चिकित्सा विभाग की तरफ से बताया गया कि जनपद के 2226 आशा कार्यरत है जिसमें 28 आशा विभाग का सहयोग नही कर रही है इस पर जिलधिकारी ने कहा कि 28 का आंकड़ा गलत है आप लोग अकर्मण आशा को बचाने में लगे है पुनः समीक्षा कर ऐसे आशा को तत्काल कार्यमुक्त कर दें, संस्थागत प्रगति में बाधा बनी हो। बैठक में रूदौली में तैनात एनीथिशिया की डा0 सुषमा जिनके खिलाफ बैठक में शिकायतों की भरमार लगी को भी संविदा से हटाने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री मातृत्व बन्दना योजना की समीक्षा के दौरान उन्होनें कहा कि इस योजना के तहत 76.68 प्रतिशत की उपलब्धि है। लम्बित दूसरी व तीसरी किस्तो का तत्काल भुगतान किया जाए। नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, आईएफए, कैल्सियम के वितरण में रूदौली, खण्डासा के अत्यन्त खराब परफारमेंस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को सख्त हिदायतें दी, उन्होनंे कहा कि आईएफए के न वितरण करने से गर्भवती महिलाओं में प्रसव के समय गम्भीर समस्या उत्पन्न हो सकती है आप सभी डाक्टर है इसकी गम्भीरता को समझे। बैठक में बच्चों के टीकाकरण बीसीजी एवं पूर्ण प्रतिरक्षण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। परिवार कल्याण कार्यक्रम में भी कई केन्द्रो में परफार्मेस खराब पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी लक्ष्य हो चाहे वे परिवार कल्याण के हो, संस्थागत प्रसव के हो उन्हें ऊपर से नीचे तक की इकाई के मध्य टारगेट को वितरित कर हर इकाई को लक्ष्य प्राप्त हेतु उत्तरदायी बनाया जाए, तभी हम उपलब्धि हासिल कर सकते है और समय-समय पर पाक्षिक, उसकी समीक्षा भी नोडल अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।
बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आशा  भुगतान की, क्वालिटी, एश्योसेन्स की सघन दस्त पखवाड़ा की सहित 19 बिन्दुओं पर समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द, सीएमओ डा0 हरिओम श्रीवास्तव, डा0 एसके शुक्ला, डीसीपीएम अमित कुमार, डा0 डीएन द्विवेदी, डा0 संतोष सिहत मण्डलीय चिकित्सालय, श्रीराम चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय सहित सभी पीएससी, सीएससी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र  व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी उपस्थित थे।-  चालू वित्तीय वर्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की द्वितीय बैठक मंे जिलाधिकारी श्री अनुज कुमार झा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो भी संविदा कर्मी डाक्टर या आशा, जो कार्य न कर रहे हो, संतोषजनक परफार्मेन्स न दे रहेा हो कार्यो में रूचि न लेते हो अपने उच्चाधिकारियो ं के आदेशो की अवहेलना करते हो, दिये गये लक्ष्य को पूरा न कर रहे हो उनको हटाने का तत्काल प्रस्ताव तैयार किया जाए, किसी के भी दबाव को न सुने।
उन्होनंे बैठक में कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को तत्काल प्रभाव से किसी भी विभाग का कार्य आवंटन न करने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द को दिया। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार से जो भी बजट प्राप्त हुए उनका उपयोग शत प्रतिशत सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना बना लें। उन्होनें कहा कि शासन द्वारा चिकित्सा विभाग को जो धनराशि आवंटित की जाती है वह बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के कल्याण के लिए होती है। अतः आवंटित धनराशि का अधिकतम लाभ अस्वस्थ व्यक्ति को मिलना चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए। संस्थागत प्रसव मे गिरावट को देखते हुए जिलाधिकारी ने गहरी नराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सा विभाग का इतना बड़ा तंत्र है, ग्रामीण क्षेत्र से लेकर जिले तक ईकाईया कार्य कर रही है फिर भी संस्थागत प्रसव में गिरावट आ रही है विगत वर्ष की तुलना में माह अपै्रल में 73 संस्थागत कम हुए है अपै्रल 18 में 1480 संस्थागत प्रसव हुए थे तो अपै्रल 19 में 1407 संस्थागत प्रसव कराये गये जबकि केन्द्र व प्रदेश सरकार का प्रयास है  कि जच्चा बच्चा की पूर्ण सुरक्षा के दृष्टिगत संस्थागत प्रसव कराये जाए चिकित्सा विभाग की तरफ से बताया गया कि जनपद के 2226 आशा कार्यरत है जिसमें 28 आशा विभाग का सहयोग नही कर रही है इस पर जिलधिकारी ने कहा कि 28 का आंकड़ा गलत है आप लोग अकर्मण आशा को बचाने में लगे है पुनः समीक्षा कर ऐसे आशा को तत्काल कार्यमुक्त कर दें, संस्थागत प्रगति में बाधा बनी हो। बैठक में रूदौली में तैनात एनीथिशिया की डा0 सुषमा जिनके खिलाफ बैठक में शिकायतों की भरमार लगी को भी संविदा से हटाने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री मातृत्व बन्दना योजना की समीक्षा के दौरान उन्होनें कहा कि इस योजना के तहत 76.68 प्रतिशत की उपलब्धि है। लम्बित दूसरी व तीसरी किस्तो का तत्काल भुगतान किया जाए। नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, आईएफए, कैल्सियम के वितरण में रूदौली, खण्डासा के अत्यन्त खराब परफारमेंस पर जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिकारी को सख्त हिदायतें दी, उन्होनंे कहा कि आईएफए के न वितरण करने से गर्भवती महिलाओं में प्रसव के समय गम्भीर समस्या उत्पन्न हो सकती है आप सभी डाक्टर है इसकी गम्भीरता को समझे। बैठक में बच्चों के टीकाकरण बीसीजी एवं पूर्ण प्रतिरक्षण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। परिवार कल्याण कार्यक्रम में भी कई केन्द्रो में परफार्मेस खराब पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी लक्ष्य हो चाहे वे परिवार कल्याण के हो, संस्थागत प्रसव के हो उन्हें ऊपर से नीचे तक की इकाई के मध्य टारगेट को वितरित कर हर इकाई को लक्ष्य प्राप्त हेतु उत्तरदायी बनाया जाए, तभी हम उपलब्धि हासिल कर सकते है और समय-समय पर पाक्षिक, उसकी समीक्षा भी नोडल अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।
बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आशा  भुगतान की, क्वालिटी, एश्योसेन्स की सघन दस्त पखवाड़ा की सहित 19 बिन्दुओं पर समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनन्द, सीएमओ डा0 हरिओम श्रीवास्तव, डा0 एसके शुक्ला, डीसीपीएम अमित कुमार, डा0 डीएन द्विवेदी, डा0 संतोष सिहत मण्डलीय चिकित्सालय, श्रीराम चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालय सहित सभी पीएससी, सीएससी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र  व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी उपस्थित थे।



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