दो बहन सबा और फराह को आखिरकार दो अलग व्यक्ति मानते हुए अलग-अलग मतदान का अधिकार दे दिया - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, May 19, 2019

दो बहन सबा और फराह को आखिरकार दो अलग व्यक्ति मानते हुए अलग-अलग मतदान का अधिकार दे दिया

पटना : बिहार की राजधानी पटना की जन्म से ही सिर से आपस में जुड़ी दो बहन सबा और फराह को आखिरकार दो अलग व्यक्ति मानते हुए अलग-अलग मतदान का अधिकार दे दिया है। जिलाधिकारी कुमार रवि ने आज यहां बताया कि जन्म से ही सिर से आपस में जुड़ी दो बहन सबा और फराह (23 वर्ष) अलग-अलग मतदान का अधिकार दे दिया है। उन्होंने कहा कि जुड़वा को उनकी शारीरिक स्थिति के कारण उनकी अलग-अलग पहचान से वंचित नहीं किया जा सकता है। दोनों का दिमाग अलग अलग है, अलग-अलग विचार और पसंद भी अलग हैं इसलिए उन्हें अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र जारी किये गए हैं।कुमार ने कहा कि दोनों के सिर इस तरह से आपस में जुड़े हैं कि वे हमेशा विपरीत दिशा में देखती है। इसलिए मतदान की गोपनीयता भी भंग होने की आशंका नहीं है। दोनों शहर के  समनपुरा की रहने वाली हैं और रविवार को वे अपना वोट अपनी अपनी पसंद से डाल सकेंगी। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों के नाम एक ही मतदाता पहचान पत्र पर थे और इसलिए उनका एक ही वोट माना गया था। चुनाव आयोग की नजर में वे शारीरिक रूप से तो दो हैं, लेकिन मानसिक रूप से एक, इसलिए पिछले विधानसभा चुनाव में उन्‍हें आपस में रायकर केवल एक वोट देने की अनुमति दी गई थी। 
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने हाल ही में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर हैशटैग चुनाव  की कहानियां में इन दोनों बहनों की कहानी साझा की थी। चुनाव आयोग ने उनकी कहानी ट्वीट करते हुए इस सवाल का जवाब दिया है कि अगर दो व्यक्ति के सिर जुड़े हैं तो उनका एक वोट होगा या दो। आयोग ने दो अलग व्यक्ति मानते हुए उन्हें अलग-अलग मतदान का अधिकार दे दिया और कहा कि जुड़वा को उनकी शारीरिक स्थिति के कारण उनकी अलग-अलग पहचान से वंचित नहीं किया जा सकता है।


Post Top Ad