दिल्ली। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 9 मई को जवाब मांगा है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है, इसे रद्द किया जाना चाहिए। तेज बहादुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर वाराणसी से उनका नामांकन पत्र खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले को चुनौती दी थी। ये भी पढ़ें :-‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर राहुल ने बिना शर्त सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी आपको बता दें वाराणसी से अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने को तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पहले एसपी ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से शालिनी यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को उम्मीदवार बनाया। ये भी पढ़ें :-मोदी सरकार ने SC ने कॉलेजियम के दो नामों की सिफारिश की खारिज जानकारी के मुताबिक उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कि उसने चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ‘तानाशाही कदम’ का सहारा लिया. उन्होंने कहा, “मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया जबकि मैंने बीएसएफ से एनओसी जमा किया था जिसे आरओ ने जमा करने को कहा था।” - मानवी मीडिया

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Wednesday, May 8, 2019

दिल्ली। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 9 मई को जवाब मांगा है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है, इसे रद्द किया जाना चाहिए। तेज बहादुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर वाराणसी से उनका नामांकन पत्र खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले को चुनौती दी थी। ये भी पढ़ें :-‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान पर राहुल ने बिना शर्त सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी आपको बता दें वाराणसी से अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने को तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पहले एसपी ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से शालिनी यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को उम्मीदवार बनाया। ये भी पढ़ें :-मोदी सरकार ने SC ने कॉलेजियम के दो नामों की सिफारिश की खारिज जानकारी के मुताबिक उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कि उसने चुनाव लड़ने से रोकने के लिए ‘तानाशाही कदम’ का सहारा लिया. उन्होंने कहा, “मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया जबकि मैंने बीएसएफ से एनओसी जमा किया था जिसे आरओ ने जमा करने को कहा था।”

दिल्ली। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से 9 मई को जवाब मांगा है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि आयोग का निर्णय भेदभावपूर्ण और अतार्किक है, इसे रद्द किया जाना चाहिए। तेज बहादुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर वाराणसी से उनका नामांकन पत्र खारिज करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले को चुनौती दी थी।


ये भी पढ़ें :-'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर राहुल ने बिना शर्त सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी 


आपको बता दें वाराणसी से अपनी उम्मीदवारी रद्द किए जाने को तेज बहादुर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पहले एसपी ने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से शालिनी यादव को टिकट दिया था, लेकिन बाद में पार्टी ने प्रत्याशी बदल कर, बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को उम्मीदवार बनाया।


ये भी पढ़ें :-मोदी सरकार ने SC ने कॉलेजियम के दो नामों की सिफारिश की खारिज


जानकारी के मुताबिक उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कि उसने चुनाव लड़ने से रोकने के लिए 'तानाशाही कदम' का सहारा लिया. उन्होंने कहा, “मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया जबकि मैंने बीएसएफ से एनओसी जमा किया था जिसे आरओ ने जमा करने को कहा था।”


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