डीजीपी ने किया सुरेंद्र हत्याकांड में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, बताया क्यों की गई हत्या:
अमेठी के बरौलिया के पूर्व ग्राम प्रधान व भाजपा नेता सुरेंद्र प्रताप सिंह की हत्या प्रधान पद के चुनाव को लेकर शुरू हुई रंजिश का परिणाम थी। पुलिस ने नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर उनके पास से देसी पिस्टल बरामद कर ली है। एसपी ने कहा कि घटना का खुलासा डीजीपी ने बनारस में किया है। बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र प्रताप सिंह की शनिवार रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पूर्व प्रधान की हत्या के बाद उनके बड़े भाई नरेंद्र सिंह की तहरीर पर पुलिस ने गांव के बीडीसी रामचंद्र पासी, धर्मनाथ गुप्ता, नसीम, वसीम और फुरसतगंज थाने के गांव पीढ़ी निवासी अतुल सिंह उर्फ गोलू के खिलाफ साजिश रचकर हत्या करने का केस दर्ज किया था। पूर्व प्रधान के स्मृति का करीबी होने के नाते शासन-प्रशासन के बढ़ते दखल के बीच घटना के खुलासे के लिए गठित टीमों ने रविवार रात नामजद आरोपियों में शामिल रामचंद्र पासी, धर्मनाथ गुप्ता व नसीम को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया।
सोमवार शाम जामों थाने में औपचारिक जानकारी देते हुए एसपी राजेश कुमार ने तीन आरोपियों की गिरफ्तारी व उनके पास से देसी पिस्टल व कई अन्य सामान बरामद होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि लोकल पुलिस की पांच टीमों के अलावा अमेठी व सुल्तानपुर की एसओजी तथा एसटीएफ की टीमें फरार दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं। एसपी ने कहा कि सुरेंद्र की हत्या ग्राम प्रधानी में उनके बढ़ते दखल को रोकने के लिए की गई।
नामजद आरोपियों में दो झोलाछाप डॉक्टर
पूर्व प्रधान की हत्या के बाद उनके बड़े भाई ने तहरीर में जिन पांच लोगों को नामजद किया है उनमें से दो (नसीम व धर्मनाथ गुप्ता) झोलाछाप डॉक्टर हैं। धर्मनाथ जहां पहले धनी जलालपुर में अपनी क्लीनिक चलाता था वहीं बाद में उसने अपने गांव में ही मेडिकल स्टोर व रेडीमेड कपड़े की दुकान खोल ली। नसीम भी झोलाछाप और गांव में ही क्लीनिक चलाता है।
बरौलिया गांव में पुलिस फोर्स तैनात
तनाव को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। सीओ अमेठी पीयूष कांत राय ने भी गांव में कैंप किया। हालांकि पूर्व प्रधान की अंत्येष्टि व गांव में शांति व्यवस्था कायम होने के बाद रविवार रात ही बड़ी संख्या में लगाई गई फोर्स को हटा ली गई। सोमवार को सीओ के अलावा एक प्लाटून पीएसी, एक गार्द व एसओ शिवरतनगंज ड्यूटी पर गांव में तैनात रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय व डीजीपी के सक्रिय होने के बाद आईजी अयोध्या डॉ. संजीव कुमार गुप्त ने भी जिले में कैंप किया। आईजी की निगरानी में ही पकड़े गये संदिग्धों से पूछताछ भी की गई। आईजी अब भी जिले में ही मौजूद हैं।