। कानपुर में 22 साल की उम्र में ही अमर वर्मा को हार्ट अटैक पड़ गया। एंजियोग्राफी में उसके हार्ट की एक नस पूरी तरह बंद मिली। कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में रोगी की बाईपास सर्जरी कर जान बचा ली गई। बाईपास सर्जरी विशेष विधि से की गई। उसे 15 सेमी की जगह सिर्फ पांच सेमी का चीरा लगाना पड़ा। इंस्टीट्यूट में इतनी कम उम्र के युवक की यह पहली बाईपास सर्जरी है। सर्जरी करने वाले हार्ट सर्जन डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि बिगड़ती लाइफ स्टाइल और खानपान के कारण कम उम्र में हार्ट अटैक बड़ी चुनौती बन रहा है।
शुक्लागंज के रामनगर निवासी अमर वर्मा पेशे से ट्रक ड्राइवर है और गुजरात में काम करता है। एक साल से सीने में दर्द की शिकायत थी। उसने गुजरात और कानपुर के तीन निजी अस्पतालों में दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला। अधिक दर्द होने पर सात अप्रैल को कार्डियोलॉजी की ओपीडी में लाया गया। डॉ. नीरज कुमार ने उसे तुरंत भर्ती कर एंजियोग्राफी कराई तो एक रक्तवाहिनी (एलएडी) पूरी तरह बंद मिली। उसकी सर्जरी छाती पर चीरा लगाने के बजाय दाईं तरफ बगल से की गई। पांच मई को उसे अस्पताल से रिलीव कर दिया गया। कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि संस्थान में बाईपास का सबसे कम उम्र का यह पहला रोगी है। चार साल पहले चेन्नई में 17 साल के युवक के हार्ट की बाईपास सर्जरी हुई थी। बताया कि ओपीडी में बहुत से किशोर और युवा आ रहे हैं जो सीने में दर्द, कम धड़कन की तकलीफ बताते हैं। ऐसे युवाओं को तुरंत उचित चिकित्सीय परामर्श लेनी चाहिए।
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Wednesday, May 8, 2019
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बिगड़ती लाईफ स्टाइल और खान पान के कारण कम उम्र में हार्ट अटैक चुनौती बन रहा - डा0 नीरज कुमार May 8, 2019
बिगड़ती लाईफ स्टाइल और खान पान के कारण कम उम्र में हार्ट अटैक चुनौती बन रहा - डा0 नीरज कुमार May 8, 2019
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